मुजफ्फरपुर में भीषण गर्मी से त्राहिमाम, 2 दशकों में सबसे गर्म दिन रहा 16 जुलाई, बारिश के लिए अभी करना होगा इंतजार

तापमान बेतहाशा बढ़ रहा है। शनिवार 16 जुलाई काे अधिकतम तापमान सामान्य से 3.9 डिग्री अधिक 36.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इस तरह 16 जुलाई बीते दाे दशक में मुजफ्फरपुर जिला समेत पूरे उत्तर बिहार में सबसे अधिक गर्म दिन रहा। दोपहर से पहले ही निकली तीखी धूप के कारण लाेगाें के शरीर में जलन महसूस हाेती रही। उमस के कारण पसीने से तर-बतर लाेगाें काे कभी बदन में सूई चुभने ताे कभी चींटी काटने जैसा अहसास हाेता रहा। दोपहर और इसके बाद देर शाम तक घराें से बाहर निकलना भी मुश्किल हाे गया।

उत्तर बिहार में 12 दिनाें से करीब-करीब यही हाल है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार काे भी यही हाल रहेगा। वैसे साेमवार काे दोपहर के बाद मौसम का तेवर कुछ नरम पड़ेगा। क्याेंकि, बंगाल से मानसूनी रेखा बिहार की तरफ रुख कर रही है। इसका असर मंगलवार से उत्तर बिहार में शुरू हाेगा।

20 जुलाई से तीन दिनों तक पूरे क्षेत्र में झमाझम बारिश हाे सकती है।
इधर, शनिवार काे भी आसमान में हल्के बादल छाए थे, लेकिन फिर गर्मी बढ़ती गई। गर्मी ने एेसा प्रचंड रूप लिया कि न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 0.7 डिग्री अधिक 26.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। घराें में पंखा और कूलर चलने के बाद भी लाेग पसीने से तर-बतर हाेते रहे। मौसम विभाग ने दाे दिनों के बाद इस क्षेत्र में मानसून के पूरी तरह सक्रिय हाेने और अधिक बारिश हाेने पर ही गर्मी से राहत मिलने की संभावना जताई है।

आगे क्या : 48 घंटे में पहुंच जाएगी मानसूनी रेखा, बुधवार से झमाझम के आसार

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण मानसूनी रेखा अब उत्तर बिहार की ओर तेजी से बढ़ रही है। क्षेत्र में सेामवार की शाम से मानसून की सक्रियता बढ़ने के साथ बूंदाबांदी शुरू हाेने की संभावना है। बुधवार से शुक्रवार तक तीन दिन अधिक बारिश हाे सकती है। इस दैारान पूर्वी और पश्चिम चंपारण के साथ नेपाल के तराई क्षेत्र में अधिक बारिश की संभावना है। बारिश के साथ पुरवा हवा की रफ्तार 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहेगी। दिन और रात के तापमान में कमी आने से लाेगाें काे राहत मिल सकेगी।

किसान – दो दिन बाद धनरोपनी, छिड़काव

सकरा – गौरिहार खालिक के खेत में पड़ी दराड़।

पूसा कृषि मौसम परामर्शी सेवा के नाेडल अधिकारी डाॅ. ए. सत्तार के अनुसार अबतक धान की रोपाई नहीं कर पाए किसान खेतों काे तैयार कर सकते हैं। फिर बारिश शुरू हाेते ही धनरोपनी करें। पूर्व में धान की रोपाई कर चुके किसान खर-पतवार नियंत्रण के लिए ब्यूटाक्लाेर दवा का तीन लीटर प्रति हेक्टेयर या प्रीटलाक्लाेर 1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से खेताें में छिड़काव करें। साथ ही पानी नहीं जमा हाेने वाली यानी उचास जमीन पर अरहर की बुआई करना भी फायदेमंद रहेगा।

Share This Article.....

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *