देश में नशे की आदत, न केवल बच्चों को, बल्कि दूसरे आयु वर्ग के लोगों को भी अपनी चपेट में ले रही है। देश में करीब 62 लाख बच्चे यानी जिनकी आयु 10 से 17 वर्ष के बीच है, वे भांग, ओपिओइड व कोकीन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसके अलावा 18 से 75 वर्ष की आयु के लगभग चार करोड़ लोग भी ऐसे ही नशे के जाल में फंसे हैं। केंद्र सरकार ने 8000 से ज्यादा युवा स्वयंसेवकों को शामिल कर एक वृहत सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया है। इसके तहत देश के 272 अत्यधिक संवेदनशील जिलों में ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ शुरू किया गया है।
दो लाख बच्चों को कोकीन की लत
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2018 के दौरान एम्स दिल्ली के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर के माध्यम से भारत में मादक पदार्थ के इस्तेमाल की सीमा और पैटर्न के संबंध में व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया है। इसकी रिपोर्ट 2019 में जारी की गई थी। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया, दस से 17 वर्ष की आयु के बीच के 20 लाख बच्चे, भांग का सेवन करते हैं। 40 लाख बच्चे, ओपिओइड का इस्तेमाल करते हैं। दो लाख बच्चे ऐसे मिले हैं, जिन्हें कोकीन की लत पड़ चुकी है।
दो करोड़ 90 लाख लोग लेते हैं भांग
अगर नशे की इन्हीं श्रेणियों में 18 से 75 साल तक के लोगों की बात करें तो भांग लेने वालों की संख्या दो करोड़ 90 लाख रही है। एक करोड़ 86 लाख ओपिओइड का इस्तेमाल कर रहे हैं। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, 94 हजार लोग कोकीन का सेवन करते हैं। भारत सरकार ने नशे की लत छुड़ाने के लिए 350 एकीकृत पुनर्वास केंद्रों का रखरखाव, जो न केवल मादक पदार्थों का इस्तेमाल करने वाले लोगों का इलाज करते हैं, बल्कि प्रेरक परामर्श, बाद में देखभाल सेवाएं और उन्हें समाज की मुख्य धारा के साथ पुन: जोड़ने की सेवाएं भी प्रदान करते हैं। संवेदनशील और जोखिम की स्थिति वाले बच्चों व किशोरों पर ध्यान देते हुए 53 समुदाय आधारित पीयर लेड इंटरवेशन केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसके तहत जागरूकता पैदा करने और जीवन कौशल गतिविधियों के लिए पीयर एजुकेटर्स बच्चों को शामिल करते हैं।
मादक पदार्थों का इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों को सुरक्षित और संरक्षित जगह उपलब्ध कराने के लिए स्क्रीनिंग, मूल्यांकन और परामर्श के प्रावधान के साथ 73 आउटरीच व ड्रॉप इन केंद्रों ‘ओडीआईसी’ की स्थापना की गई है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, मादक पदार्थों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को टेली परामर्श प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन 14446 भी संचालित की जा रही है।