मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म दो व तीन की बढ़ेगी लंबाई, टूटेगा तीन मंजिला पैनल भवन

मुजफ्फरपुर जंक्शन के प्लेटफार्म दो व तीन की लंबाई बीस मीटर बढ़ेगी। इसके लिए रेलवे की ओर से स्वीकृति दी गई है। दोनों प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाने के लिए तीन मंजिला पैनल भवन व वैशाली वाटिका पार्क को हटाया जाएगा।

रेलवे ने रेल भूमि विकास प्राधिकार (आरएलडीए) से भी सहमति ले ली है।

स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत जंक्शन पर विश्वस्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आरएलडीए जरूरी तैयारी कर रहा है। रेलवे व आरएलडीए के निर्देशों के बाद पैनल भवन को तोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए सिग्नल विभाग को पैनल भवन में रखे सामानों को हटाने का निर्देश दिया गया है। प्लेटफॉर्म दो व तीन की लंबाई बढ़ने से ट्रेनों में सवार होने में यात्रियों को सहूलियत होगी।

फिलहाल, पैनल भवन के कारण प्लेटफॉर्म तीन पर खड़ी होने वाली ट्रेन की चार बोगी प्लेटफॉर्म से बाहर रह जाती हैं। इसमें सामान्य, महिला व दिव्यांगों के कोच शामिल हैं। बीस मीटर लंबाई बढ़ने से पूरी ट्रेन प्लेटफॉर्म तीन पर खड़ी हो सकेगी। रेलवे ने दोनों प्लेटफॉर्म का सिग्नल तक विस्तार करने का प्लान तैयार किया है। इस संबंध में पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ विरेंद्र कुमार ने बताया कि स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत मुजफ्फरपुर जंक्शन पर इंफ्रास्ट्रक्चर व यात्री सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके लिए जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा।

पैनल भवन घोषित हो चुका है परित्यक्त

जंक्शन स्थित कटहीपुल के पास बना पैनल भवन वर्षों पहले परित्यक्त हो चुका है। पूर्व में यहां से ट्रेनों का परिचालन होता था। रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम लागू होने के बाद पैनल रूम को नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया। परित्यक्त पैनल भवन को रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग तोड़ने की अनुमति दे चुका है। भवन जर्जर होने के कारण अक्सर मलबा रेल लाइन व ट्रेनों पर गिरने से हादसे की आशंका बनी रहती है।

सबसे व्यस्त प्लेटफॉर्म हैं दो व तीन

जंक्शन के सबसे व्यस्त प्लेटफॉर्म दो व तीन हैं। दिल्ली, मुंबई, हावड़ा व गुजरात आदि राज्यों में जाने वाली सभी महत्वपूर्ण ट्रेनें प्लेटफॉर्म दो व तीन से गुजरती हैं। सप्तक्रांति, वैशाली व पवन एक्सप्रेस आदि महत्वपूर्ण ट्रेनें इसी दोनों प्लेटफॉर्म से रवाना होती हैं। दोनों प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ने से सामान्य व महिला बोगी में यात्री आसानी से सवार हो सकेंगे। इसे लेकर लगातार दिव्यांगों की ओर से मांग उठायी जा रही थी।

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