मुजफ्फरपुर में बस संचालक ही निकला लुटेरा, DRI अधिकारी बने गुर्गों ने पहले 2.25 करोड़ का सोना लूटा फिर अपहरण कर 5 लाख फिरौती ली

मुजफ्फरपुर शहर के सदर थाना क्षेत्र के बीबीगंज का रहने वाला जय गुरुदेव बस का संचालक सह ट्रान्सपोर्टर मृत्युंजय कुमार उर्फ पिंटू सिंह बड़ा लुटेरा निकला। उसने और उसके गुर्गों ने DRI का फर्जी अधिकारी बनकर उत्तरप्रदेश के गोरखपुर के आभूषण कारोबारी के कर्मी कमलेश यादव से 2.25 करोड़ रुपए का सोना लूट लिया। फिर उसका अपहरण भी कर किया। व्यवसाई को कॉल करवाकर 65 लाख रुपए फिरौती की मांग की। लेकिन, बाद में सिर्फ 5 लाख रुपए और 2.25 करोड़ रुपए का सोना लूटकर उसे पानापुर इलाके में छोड़ दिया।

घटना के बाद पीड़ित कर्मी ने मीनापुर के पानापुर ओपी में FIR दर्ज कराया। इसमे अज्ञात को आरोपी बनाया। कहा कि चेहरा देखकर पहचान कर सकता है। ओपी प्रभारी ने इसकी जानकारी SSP जयंतकांत को दी। उन्होंने मामले को गम्भीरता से लेते हुए DSP पूर्वी मनोज पांडेय और टाउन DSP रामनरेश पासवान के नेतृत्व में टीम गठित किया। टीम ने विभिन्न माध्यम और वैज्ञानिक तरीके से छानबीन की। इसमे ट्रान्सपोर्टर पिंटू सिंह की संलिप्तता सामने आई। पुलिस के हाथ कुछ CCTV फुटेज भी लगे। जिसमे पिंटू और उसके गुर्गे के साथ कर्मी को देखा गया। इसी आधार पर पिंटू को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। फुटेज को पुलिस ने फिलहाल गोपनीय रखा है।

लूटा गया सोना और फिरौती का रकम बरामद

पुलिस ने उसके घर की तलाशी की। वहां से लूटा गया पूरा सोना (2 KG 208 ग्राम 570 मिलीग्राम) बरामद हुआ। इसके अलावा फिरौती वाला पांच लाख रुपया और एक अवैध रायफल भी जब्त किया गया। SSP जयंतकांत ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में चार-पांच और भी अपराधी शामिल हैं। जिनकी गिरफ्तारी में टीम जुटी हुई है। इसके अलावा पिंटू अवैध रूप से निजी गार्ड और अवैध हथियार भी रखता था। उसकी भी तलाश जारी है।

पिंटू के बस में ही चढ़ा था कर्मी

कर्मी कमलेश ने पुलिस को बताया कि वह गोरखपुर से सोना लेकर कोलकाता के वर्धमान में एक आभूषण व्यवसाई के यहां बेचने गया था। लेकिन, डील फाइनल नहीं हुई तो सोना लेकर कूट रहा था। उसने जय गुरुदेव बस वर्धमान से पकड़ा था। इससे पटना जाता। फिर वहां से गोरखपुर के लिए दूसरे वाहन से रवाना होता। वर्धमान से निकलने के कुछ देर बाद ही बस में चार-पांच लोग चढ़े। सब खुद को DRI का अधिकारी बता रहे थे। यात्रियों के सामान की जांच करने लगे। कर्मी के बैग से सोना मिला तो उसे पकड़कर पूछताछ करने लगे और कागजात दिखाने को कहा।

आधे रास्ते मे उतारकर अपनी गाड़ी में बैठाया

पिंटू और उसके गुर्गों ने कर्मी को सोना सहित आधे रास्ते मे उतार लिया। फिर उसे ऊनी प्राइवेट फोर व्हीलर में बैठा लिया। फिर उसे इधर-उधर घुमाता रहा। उससे मोबाइल और सोना छीन लिया। सभी के पास हथियार भी था। जिसे दिखाकर डरा धमका रहा था। फिर उससे जबरन फिरौती के लिए व्यवसाई को कॉल करावाया। जब रुपए उसके पास पहुंच गए तो सोना लेकर उसे छोड़ दिया। इसके बाद पीड़ित ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।

पूर्व मेयर मर्डर केस में अप्राथमिक अभियुक्त

SSP ने बताया कि पिंटू का पूर्व से आपराधिक रिकॉर्ड है। वह पूर्व मेयर समीर मर्डर केस में भी अप्राथमिक अभियुक्त है और इस केस में जेल भी जा चुका है। इसके अलावा उसपर रंगदारी मांगने का मामला भी दर्ज है। सूत्रों की माने तो समीर मर्डर केस में पिंटू पर AK-47 को ठिकाना लगाने का आरोप था, जिससे समीर की हत्या शूटर गोविंद और सुजीत ने की थी। हालांकि पिंटू की गिरफ्तारी के बाद भी आजतक वह AK-47 नहीं मिल सका। इस केस में वह चार्जशीटेड भी है।

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