मुजफ्फरपुर बाईपास निर्माण की बाधा अब लगभग दूर हो गई है। अलग-अलग कारणों से भू-अर्जन का भुगतान न लेने वाले 321 भूधरियों का मुआवजा 10 करोड़ कोर्ट में जमा कर दिया गया है। कोर्ट में राशि जमा होने के बाद भूधारी अब परियोजना का विरोध नहीं कर सकेंगे। यदि उन्होंने विरोध किया तो कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
भू अर्जन कार्यालय ने मुजफ्फरपुर बाईपास के भूधरियों का मुआवजा कोर्ट में जमा करना शुरू कर दिया है। 321 लोगों का 10 करोड़ जमा करने के साथ ही सोमवार तक नौ करोड़ और जमा करने की तैयारी है। हाई कोर्ट की सख्ती के बाद अधिकारियों ने तेजी से काम करना शुरू किया है। इसके तहत मुआवजे का विरोध कर रहे लोगों की राशि कोर्ट में जमा की जा रही है। हालांकि, जिला प्रशासन ने भूधरियों को 30 अक्टूबर तक का समय दे रखा है। इस अवधि में जो लोग मुआवजा ले लेते हैं, उन्हें भू अर्जन कार्यालय से भुगतान कर दिया जाएगा। बाकी बचे लोग कोर्ट से ही भुगतान ले पाएंगे।
इधर, जिला प्रशासन ने एनएचआई को बाईपास निर्माण में तेजी लाने का आदेश दिया है। कहा है कि मुआवजा भुगतान के मामले को लेकर जो भूधारी निर्माण में बाधा डालते हैं, उनपर नामजद प्राथमिकी दर्ज करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाए। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर बाईपास का निर्माण मुआवजा विवाद को लेकर वर्षों से लंबित है। इसको लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने काम जल्द पूरा करने का आदेश दे रखा है।
INPUT: Hindustan