बारिश थमने से फिर नदियों के जलस्तर में गिरावट, बरसात के समय चार वर्षों से कभी नहीं नदियां लाल निशान से इतना अधिक नीचे रहीं

पिछले तीन दिनों से जिला समेत नेपाल के तराई क्षेत्रों में मानसूनी सक्रियता घटने से जिले से गुजरने वाली तीनों प्रमुख नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही हैं। गत दिनों हुई बारिश के बाद भी खासकर शहरी क्षेत्र में बूढ़ी गंडक का जलस्तर सबसे अधिक नीचे है। जबकि, जुलाई महीने में नदियों का जलस्तर उफान पर रहता था। जिले में अबतक जुलाई माह के औसत 304.8 मिमी के विरुद्ध 108 मिमी औसत बारिश हुई है।

दाे दिनों से बारिश के थमने से जिले से गुजरने वाली तीनों प्रमुख नदियों के जलस्तर में फिर से तेजी से कमी अा रही है। इस कारण शहरी क्षेत्र से लेकर जिले के विभिन्न हिस्सों के भू-जलस्तर में बरसात के मौसम में भी काेई सुधार नहीं आया है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर शहरी क्षेत्र के सिकंदरपुर में खतरे के निशान 52.53 मीटर से 5.74 मीटर नीचे 46.79 मीटर पर है।

नदी का जलस्तर काफी नीचे रहने से शहरी क्षेत्र के साथ ही माेतीपुर, कांटी, मीनापुर, मुशहरी व बंदरा प्रखंड का भू-जलस्तर बरसात के मौसम में भी 20 से 30 फीट तक नीचे है। हालांकि, मौसम विभाग ने इस क्षेत्र में मंगलवार से ही मानसूनी सक्रियता के बढ़ने के साथ ही आगे अब लगातार बारिश हाेने की संभावना जताई है।

बरसात के साथ नदियों के जलस्तर में वृद्धि का अनुमान

मौसम विभाग के अनुसार जिला समेत उत्तर बिहार में मंगलवार से मानसूनी सक्रियता में वृद्धि हाेने की संभावना है। मंगलवार को औसत 10 मिमी बारिश हाेने की संभावना है। जिला समेत नेपाल व नेपाल के तराई क्षेत्रों में बारिश के हाेने से अब नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि हाेने की संभावना है। सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान सामान्य से 1.1 डिग्री कम 31.9 डिग्री ताे न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री कम 25 डिग्री सेल्सियस रहा।

आज से बढ़ेगी मानसूनी सक्रियता, दिन के तापमान में दाे डिग्री तक कमी आने की संभावना

जिले से गुजरने वाली नदियों का जलस्तर (मीटर में)
नदी स्थान लाल निशान जलस्तर
बूढ़ी गंडक सिकंदरपुर 52.53 46.79
बागमती कटाैझा 55.00 53.60
बागमती बेनीबाद 48.68 48.00
गंडक रेवाघाट 54.41 52.63

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