स्मार्ट सिटी की आठ योजनाओं पर दो माह से कोई काम नहीं हुआ है। जिन योजनाओं पर काम हो रहे हैं, उनकी रफ्तार भी काफी धीमी है। इससे करोड़ों रुपये की तीन योजनाएं अब अधर में लटक गई हैं।
काम की धीमी गति के कारण स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में मुजफ्फरपुर निचले पायदान पर है। काम की गड़बड़ी सुधारने के लिए आईआईटी की ओर से दिये गये सुझाव का भी अनुपालन नहीं हो रहा है।
स्मार्ट सिटी कंपनी ने बीते दो माह के अंदर 335 करोड़ रुपये से अधिक के पेरीफेरल रोड-नाला, इलेक्ट्रिक बस व ई-रिक्शा स्टॉप, सिकंदरपुर मन सौंदर्यीकरण, सीवरेज, स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज, टूरिस्ट इनफॉर्मेशन, डिजिटल लाइब्रेरी और वेंडिंग जोन की योजनाओं पर कोई काम नहीं किया है। इस अवधि के दौरान स्पाइनल रोड में 20 मीटर भी नाले का निर्माण नहीं हुआ। लेटलतीफी के कारण इंटीग्रेटेड बस टर्मिनल, रूफ टॉप सोलर पैनल और मल्टी लेवल कार पार्किंग की योजना लटक गई है। रूफ टॉप सोलर पैनल, शहर में प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर आरओ वाटर प्वाइंट और मल्टी लेवल कार पार्किंग से शहर वंचित हो गया है। शहर में 25 जगहों पर इलेक्ट्रिक बस व ई-रिक्शा स्टॉप के लिए स्थल मुहैया नहीं कराया गया है। वेंडिंग जोन के लिए कब्जा खाली कराया गया, लेकिन काम नहीं होने से फिर से स्थल पर अतिक्रमण हो गया है। इस तरह लगातार स्मार्ट सिटी के काम लटकते जा रहे हैं। मोतीझील में नाले के लिए खोदे गये गड्ढे और अधूरे निर्माण के कारण स्थानीय व्यवसायी परेशान हैं। जंक्शन इम्प्रूवमेंट के काम भी काफी धीमी गति से हो रहे हैं। नगर आयुक्त सह स्मार्ट सिटी के एमडी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि स्मार्ट सिटी की सभी योजनाओं में तेजी लाने का निर्देश निर्माण कंपनियों को दिया गया है। कई निर्माण स्थलों का निरीक्षण भी किया गया है।