Muzaffarpur Smart City प्रोजेक्ट की डेडलाइन खत्म हुई, तो एजेंसी को देना होगा जुर्माना

स्मार्ट सीटी प्रोजेक्ट की डेडलाइन खत्म होने पर एजेंसी को देने होगा जुर्माना

मुजफ्फरपुर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मामले में अब एजेंसियों की मनमानी नहीं चलेगी.

डीडीसी सह प्रभारी नगर आयुक्त आशुतोष द्विवेदी की ओर से दिनों-दिन सख्ती बढ़ायी जा रही है. प्रोजेक्ट की टाइमलाइन पर काम पूरा नहीं करने पर लिक्विडेटेड डैमेजस (परिसमापन हर्जाना) की तैयारी शुरू कर दी गयी है.

जुर्माने राशि की कटौती कर किया जाएगा भुगतान

मामले को लेकर प्रभारी नगर आयुक्त ने बताया कि काम के हर बिल पर जुर्माना लगाते हुए कटौती के साथ एजेंसी को भुगतान किया जाएगा. अभी से ही इसका लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है. दूसरी ओर शहर में करीब डेढ़ दर्जन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इसमें करीब 10 योजनाओं की डेडलाइन पहले ही समाप्त हो चुकी है.

कुछ एजेंसियों को मिला था एक्सटेंशन

इस मामले में पूर्व नगर आयुक्त के कार्यकाल में कुछ एजेंसियों को एक्सटेंशन भी दिया गया था. लेकिन कुल मिला कर नगर भवन को छोड़ कर एक भी स्मार्ट सिटी की योजना पूर्व के दिये गये तय समय पर पूरा नहीं हुआ है. अभी सभी योजना टारगेट के 20 से 25 फीसदी पर ही अधर में लटका है. बता दें कि प्रभार लेने के बाद से वे स्मार्ट सिटी से जुड़े प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे हैं. डीडीसी खुद निर्माण स्थल पर भी पहुंच कर योजना की स्थिति का जायजा ले रहे हैं.

अधर में लटकी स्मार्ट सिटी की योजनाएं

1. इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भवन का निर्माण

2. ब्यूटीफीकेशन ऑफ सिकंदरपुर लेक फ्रंट

3. रि-डेवलपमेंट ऑफ सिकंदरपुर स्टेडियम मल्टी पर्पस

4. शहर में छह जगहों पर जंक्शन इंप्रूवमेंट वर्क

5. सीवरेज सिस्टम व स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज

6. पेरिफेरल रोड अखाड़ाघाट से धर्मशाला चौक

7. कंपनीबाग, पंकज मार्केट व अन्य जगह पर फेस लिफ्टिंग

8. स्पाइनल रोड, रेलवे स्टेशन से बैरिया चौक भाया लक्ष्मी चौक

9. रि-डेवलपमेंट आदर्श नगर थाना से हरिसभा चौक भाया कल्याणी चौक

10. मास्टर सिस्टम – इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

11. तिलक मैदान रोड में म्यूनिशिपल शॉपिंग मार्ट

12. इमली चट्टी में टूरिस्ट इन्फॉर्मेशन सेंटर

13. ई-रिक्शा व मिनी बस पड़ाव स्थल

क्या है लिक्विडेटेड डैमेज?

बता दें कि एजेंसी के साथ हुए इकरारनामा के तहत दी गयी समय अवधि में कब तक कितना काम पूरा कर लेना है. इसके बारे में पूरा ब्योरा दिया जाता है. उसी के आधार पर काम में विलंब होने पर लिक्विडेटेड डैमेज के तहत हर्जाना का भी जिक्र रहता है. इसमें शर्तों को तोड़ने पर एजेंसी की संपत्ति तक को बेच कर हर्जाना की राशि वसूल की जाती है.

Share This Article.....

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *