BIADA की ओर से चालू उद्योगों को बंद बताकर थमाया गया नोटिस, मुजफ्फरपुर में धरना पर बैठे उद्यमी

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। उत्तर बिहार उद्यमी संघ का बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के नोटिस अभियान के विरोध में धरना आज भी जारी है। उत्तर बिहार उद्यमी संघ के अध्यक्ष नीलकमल ने बताया कि बियाडा के अधिकारियों ने मनमानी नहीं छोड़ी तो धरना अनिश्चितकालीन चलेगा।

धरना के समर्थन में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती, नार्थ बिहार चैंबर आफ कामर्स प्रतिनिधि भी शामिल हुए। अध्यक्ष ने बताया कि जो यूनिट चल रही उसको भी बंद बताकर नोटिस दिया जा रहा है। किस यूनिट को किस कारण खाली करने की नोटिस दी गई यह कोई बताने वाला नहीं है।

 

 

 

नोटिस पर फिर से विचार करने का आग्रह

 

लघु उद्योग भारती के पूर्व अध्यक्ष श्यामसुंदर भीमसेरिया ने बताया कि बियाडा प्रशासन की ओर से जो नोटिस दिया जा रहा है। इस पर विचार किया जाए। इसमें सरकार स्तर से अविलंब संज्ञान लेना चाहिए। अपनी मांगों के समर्थन में उद्यमियों ने जमकर नारेबाजी की। उत्तर बिहार उद्यमी संघ के महासचिव विक्रम कुमार विक्की, विजय कुमार चौधरी, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष नितिन बंसल, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भरत अग्रवाल, चितरंजन प्रसाद,अवनीश किशोर,रेखा बिहानी, आभा कुमारी चौधरी, लालबाबू शर्मा, कृष्ण मुरारी प्रसाद, राजू राय, शशांक श्रीवास्तव, दयाशंकर ठाकुर, मनोज कुमार चौधरी, शत्रुजीत कुमार, तारा शंकर प्रसाद, पुष्कर शर्मा, कुंदन झा, भारतभूषण, त्रिवेणी चौधरी, सतीश कुमार स्वामी, मनोज चौधरी, सुनील कुमार चौधरी, संगठन मंत्री शशांक श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।

 

इन मांगों पर दिए गए बल

 

-बिहार औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा उद्यमियों के कार्यस्थल निरीक्षण की प्रक्रिया की विधिक प्रविधानों को स्पष्ट करते हुए निर्धारित किया जाए।

 

– पूर्व से आवंटित भूमि में से जो भूमि बची हुई है और आवंटित इकाई के लिए अनुपयोगी है उसका अधिग्रहण उद्यमी एवं बियाडा के परस्पर वार्तालाप के उपरांत वर्तमान आर्थिक मूल्यांकन के आधार पर तय हो।

 

-बियाडा द्वारा प्रस्तावित उत्पाद सूची में समस्त विधि सम्मत उत्पाद को शामिल किया जाए, इससे क्षेत्रीय उत्पादों को बल मिलेगा। उत्पाद परिवर्तन शुल्क समाप्त किया जाए।

 

-कोरोना से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण बाजार बंद, यातायात बंद, अर्थव्यवस्था ठप, उत्पादन के साधन बंद, जीवन रक्षा का संघर्ष, विश्वव्यापी अर्थतंत्र चौपट रहा। इसका प्रभाव यहां पर भी पड़ा। इसलिए यहां पर नोटिस अभियान रोका जाए।

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