मुजफ्फरपुर, जासं। मंकी पाक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। लक्षण मिलने पर एसकेएमसीएच में इसकी जांच व इलाज होगा। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि यह नई बीमारी है।
इसलिए जिस तरह के लक्षण पाए जाएंगे उसके अनुसार इलाज किया जाएगा। सभी पीएचसी प्रभारियों व निजी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि अगर मंकी पाक्स के लक्षण वाले मरीज आएं तो इसकी जानकारी तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दी जाए। डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि एक सप्ताह के अंदर आशा, चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देंगे। बताया कि अभी यहां पर कोई संदिग्ध नहीं मिला है।
विदेश से आने वाले पर रखी जाएगी नजर
पडोसी देश नेपाल समेत विदेश से आने वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी। अगर लक्षण दिखे तो उनका नमूना संग्रह किया जाएगा।
इस तरह हो रहा फैलाव, करें पहचान
मंकी पाक्स एक वायरल बीमारी है। यह मवेशियों से मनुष्य में फैलती है। यह एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है। त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से यह वायरस मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है।
मंकी पाक्स के लक्षण
- बार-बार तेज बुखार आना
- पीठ व मांसपेशियों में दर्द
- त्वचा पर दाने और चकते पडऩा
- खुजली की समस्या होना
- शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना
जख्म प्रतिवेदन के लिए एसकेएमसीएच में नई व्यवस्था
बैरिया (मुजफ्फरपुर)। पुलिस पदाधिकारियों को श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एसकेएमसीएच) में जख्म प्रतिवेदन लेने में बड़ी राहत मिली है। अब उनको अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, इसलिए नई व्यवस्था सोमवार से एसकेएमसीएच में लागू कर दी गई है। अस्पताल अधीक्षक डा. बीएस झा ने कहा कि जख्म प्रतिवेदन लेने में पुलिस पदाधिकारियों को एसकेएमसीएच में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अब इसे प्राप्त करने कि लिए अधीक्षक के नाम आवेदन लिपिक को सौंपना होगा। इसके एक सप्ताह के बाद जख्म प्रतिवेदन ओपी पदाधिकारी को प्राप्त होगा, जो संबंधित पुलिस पदाधिकारी को मिल जाएगा। इसके बाद ई-मेल के माध्यम से एसएसपी को पत्र भेजा जाएगा।