देश में रणवीर सिंह की शर्टलेस फोटो पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब उनके खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पूर्वी सीजेएम के कोर्ट में कंप्लेन दायर कराया गया है। इसे भारतीय मानव अधिकार सुरक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एम राजू नैयर ने दायर कराया है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 5 अगस्त को डेट दिया है।
अभिनेता रणवीर पर आरोप लगाया गया है कि विभिन्न टीवी चैनलों पर समाचार के माध्यम से देखा गया और सुना गया कि रणवीर सिंह ने अपने एक इंस्ट्राग्राम अकाउंट पर अपनी शर्टलेस तस्वीरें पोस्ट की। एक पत्रिका के लिए बड़ी रकम कमाने और समाज के युवाओं को दिग्भ्रमित और भ्रष्ट करने और समाज को खराब करने की कोशिश करने के इरादे से उन्हें शूट किया गया था। साथ ही इससे महिलाओं में शर्मिंदगी हुई है। तस्वीरों से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा है।
लगाई गई नन-बेलेबल धाराएं
अधिवक्ता मनोज सिंह ने बताया कि इस परिवाद में IPC की धारा 292 , 293, 509 आईटी एक्ट अधिनियम 67a के तहत किया गया है। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। इसकी अगली सुनवाई की तिथि 5 अगस्त को रखी गई है। उन्होंने कहा कि ये नन-बेलेबल धाराएं हैं। इसमें 10 साल तक की सजा है।
देश की संस्कृति और सभ्यता को बताया खतरा
परिवादी ने कहा कि एक्टर की इस करतूत ने देश की संस्कृति और सभ्यता को खतरा पहुंचाने का काम किया है। आज के युवा एक्टरों को देखकर लोग उनसे सीखते हैं। उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। अगर वे इस तरह की हरकत करेंगे तो युवा पीढ़ी बर्बाद हो जाएगी।