प्रशासक खुद लेंगे निर्णय, नगर निगम की योजनाओं व अन्य कार्यों को मिलेगी गति

नगर निगम के आयुक्त को प्रशासक की जिम्मेवारी मिलने के साथ ही मुजफ्फरपुर नगर निगम में नई व्यवस्था लागू हो गई है। बदली हुई परिस्थितियों में प्रशासक खुद त्वरित निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

इससे निगम की योजनाओं व अन्य कार्यों में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

पहले 10 लाख से अधिक के प्रोजेक्ट, बहाली व अन्य योजनाओं को लेकर स्टैंडिंग कमेटी के अनुमोदन के बाद निगम बोर्ड से पास कराना होता था। इसमें अपेक्षाकृत अधिक समय लगता था। अब नियमों के तहत मेयर, डिप्टी मेयर, स्टैंडिग कमेटी से लेकर आयुक्त तक की शक्ति प्रशासक में समाहित होगी। इस स्थिति में प्रशासक का जो भी निर्णय या निर्देश होगा, उसके अनुरूप तत्काल काम शुरू होना संभव होगा। फिलहाल, जिले के डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ही निगम आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार में हैं। दरअसल, निकाय चुनाव से पहले नगर निकाय के आयुक्त और नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी प्रशासक के पदनाम से जाने जाएंगे। निकाय चुनाव होने तक प्रशासक की यह जिम्मेवारी रहेगी। अबतक महापौर या निकाय चुनाव की घोषणा नहीं हुई है।

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