सूर्यास्त के बाद बिल्कुल भी न करें इन चीजों का दान, वरना हो जाएंगे कंगाल

हिंदू धर्म में दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि दान करने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद कई तरह के दोषों से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही घर में बरकत और सुख-समृद्धि आती है। इसलिए व्यक्ति को अपनी योग्यता के अनुसार अवश्य दान करना चाहिए। वहीं वास्तु शास्त्र के अनुसार दान पुण्य करना अच्छा है लेकिन सूर्यास्त के बाद कुछ चीजों का दान करने से बचना चाहिए। फिर चाहे वो चीजें मांगने आपका पड़ोसी ही क्यों न आया हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के समय मां लक्ष्मी व्यक्ति के घर आती हैं। ऐसे में अगर आप दूसरे व्यक्ति को कुछ चुनिंदा चीजें दान कर देंगे तो मां लक्ष्मी उस व्यक्ति के घर चली जाएगी। ऐसे में जानिए सूर्यास्त के समय या बाद में किन चीजों का दान नहीं देना चाहिए।

हल्दी को गुरु का कारक माना जाता है। शाम के समय दान देने से कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो जाता है। इसलिए सूर्यास्त के बाद हल्दी का दान देने से बचना चाहिए।

दूध का दान भी सूर्यास्त के समय शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि इसका संबंध चंद्रमा के साथ सूर्य ग्रह है। ऐसे में इसके कमजोर होने से व्यक्ति के जीवन में दुखों का पहाड़ टूट सकता है। इसके अलावा दूध का संबंध लक्ष्मी और विष्णु से माना जाता रहा है। शाम को दूध का दान देने से घर की बरकत चली जाती है।

दही

 

सूर्यास्त के समय और बाद में दही का दान नहीं करना चाहिए। क्योंकि दही को शुक्र का प्रतीक मानते हैं जो सुख-वैभव देते हैं। इसलिए दही का दान सूर्यास्त से पहले कर देना चाहिए।

 

पैसों का लेन-देन

 

वास्तु के अनुसार, शाम के समय पैसों का लेनदेन करने से बचना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी चली जाती हैं। क्योंकि सूर्यास्त के समय मां लक्ष्मी घर आती हैं। ऐसे में अगर आप दूसरों को पैसे देंगे, तो मां लक्ष्मी उनके घर चली जाती हैं।

प्याज-लहसुन देना

 

वास्तु के अनुसार, लहसुन-प्याज तामसिक भोजन है और इसका संबंध केतु है। ऐसे में शाम के समय प्याज-लहसुन दान करने से केतु का दुष्प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ने लगता है, जिससे व्यक्ति के बनते हुए काम भी बिगड़ने लगते हैं।वास्तु शास्त्र के अनुसार, शाम के समय नमक का दान नहीं करना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा प्रबल हो जाती है, जिससे तरक्की और बरकत में बाधा उत्पन्न होती है।खाना खिलाना

 

भूखे व्यक्ति को खाना खिलाना सबसे बड़ा पुण्य का काम है। लेकिन वास्तु के अनुसार, सूर्यास्त के समय नहीं खिलाना चाहिए और न ही खुद खाना चाहिए। इसलिए सूरज ढलने के बाद खिलाएं आप भोजन करा सकते हैं।

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