डेडलाइन खत्म हाेने के तीन माह बाद भी सिकंदरपुर स्टेडियम के सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार का महज 30 प्रतिशत काम हुआ है। काम की धीमी गति को देखते हुए निर्माण एजेंसी साई इंजीकाॅम प्राइवेट लिमिटेड के बिल में 50 फीसदी यानी 37 लाख की कटाैती की गई है। स्मार्ट सिटी के एमडी सह निगम प्रशासक आशुतोष द्विवेदी ने निर्माण एजेंसी काे आगे एक्सटेंशन देने पर भी राेक लगा दी है। स्मार्ट सिटी के तहत 19.36 कराेड़ की लागत से सिकंदरपुर स्टेडियम का साैंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार हाेना है।
इसको लेकर 23 फरवरी 2021 काे वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। 15 माह में काम पूरा करना था। मई में ही इसकी डेडलाइन तय की गई थी। लेकिन, डेडलाइन बीतने के तीन माह बाद भी महज 30 फीसदी काम ही हो सका है। स्मार्ट सिटी के बाकी प्राेजेक्ट में सबसे धीमी रफ्तार इसी प्राेजेक्ट की है। पिछले दिनाें निर्माण एजेंसी ने 74 लाख का बिल दिया था। एमडी ने समीक्षा के दाैरान काम में विलंब काे देखते हुए 50 प्रतिशत राशि कटाैती करने का आदेश दिया। समय पर काम पूरा नहीं करने की स्थिति में आगे राशि जब्त की जा सकती है।
सिकंदरपुर स्टेडियम के जीर्णोद्धार की डेडलाइन मई में खत्म
साई इंजीकाॅम प्राइवेट लिमिटेड पर पूर्व में पथ निर्माण विभाग ने भी कार्रवाई की थी। बेनीपुर डिवीजन में 10 कराेड़ से सड़क बनाने का काम समय पर पूरा नहीं करने पर तत्कालीन कार्यपालक अभियंता ईं. अंजनी कुमार ने जुर्माना लगाने के साथ किसी भी टेंडर में भाग लेने पर राेक लगाते हुए डिवार कर दिया था। बाद में निर्माण एजेंसी काम पूरा किया, तब उसे डिवार से मुक्त किया गया। बेनीपुर में 40 कराेड़ से सड़क निर्माण का नया काम इसी एजेंसी काे मिला है।
स्टेडियम से अब तक अतिक्रमण भी नहीं हटाया गया
स्टेडियम में स्वीमिंग पुल व वीआईपी हाॅल अब तक नहीं बन सका है। जीर्णोद्धार कार्य करने के साथ स्टेडियम में 5 हजार दर्शकाें के बैठने की व्यवस्था हाेगी। बैठने के लिए बनी सीढ़ी को ताेड़ कर कुर्सी की व्यवस्था की जाएगी। स्टेडियम काे डे नाइट मैच के लिए उपयुक्त बनाना है। इसके लिए क्रिकेट पिच बनाने के साथ हाई मास्क लाइट लगाया जाना है। बास्केट बाॅल, बॉलीवॉल काेर्ट व टेनिस काेर्ट का भी निर्माण हाेना है। स्टेडियम से अब तक अतिक्रमण भी नहीं हटाया गया है।