एक तरफ सरकार बालू माफियाओं के खिलाफ सख्त रवैया अपना रही है। वहीं दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर में स्थिति कुछ और ही है। यहां सिर्फ छापेमारी और जब्ती हुई है। लेकिन, आंकड़ों पर गौर करें तो पता लगेगा कि एक भी बालू माफियाओं की गिरफ्तारी नहीं हुई। आंकड़े बताते हैं कि जुलाई महीने में खनन विभाग द्वारा 40 छापेमारी की गई। 4प वाहनों को भी जब्त किया गया। लेकिन, एक भी बालू माफियाओं की गिरफ्तारी नहीं हुई। DM प्रणव कुमार की समीक्षा में ये मामला सामने आया। उन्होंने खनन पदाधिकारी को जमकर फटकार लगाई। कहा कि हर हाल में गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। पुलिस का सहयोग लें। लेकिन, बालू माफियाओं को किसी हाल में नहीं बक्शे। इसमें कोताही बरतने पर कार्रवाई की बात कही गयी।
SDO और CO को दी जिम्मेदारी
DM ने हिदायत देते हुए कहा कि छापेमारी में तेजी लाएं साथ ही ऐसे तत्वों को गिरफ्तार करें और प्राथमिकी दर्ज करना सुनिश्चित करें। जिला खनन पदाधिकारी को रॉयल्टी भुगतान के संबंध में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने अवैध खनन पर रोक को लेकर खनन पदाधिकारी के अलावा एसडीओ और सभी सीओ को भी निर्देशित किया है कि लगातार क्षेत्र भ्रमण कर अवैध खनन को लेकर छापामारी करें। अवैध खनन के संबंध में कोई सूचना प्राप्त होती है तो स्थानीय थाने का सहयोग लेते हुए त्वरित कार्रवाई करें।
संयुक्त रूप से करें छापेमारी
DM ने राजस्व संग्रहण, अवैध ईंट भट्ठा संचालन पर नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अवैध खनन पर सभी संबंधित पदाधिकारी निगरानी रखेंगे और संयुक्त छापामारी करेंगे। ओवरलोडेड वाहनों के संचालन पर भी नजर रखने और जुर्माना वसूलने को कहा गया है। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी को विशेष निर्देश दिए गए। समीक्षा के क्रम में मौजूद SSP जयंतकांत ने कहा कि औचक छापेमारी में पुलिस के द्वारा हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जहां कहीं भी कोई कठिनाइयां हो तो तत्काल सूचित किया जाए। उन्होंने उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए अवैध बालू खनन एवं मिट्टी परिवहन को लेकर पूरी मुस्तैदी के साथ कार्य करना सुनिश्चित करें।