सावन की अंतिम सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ का महाशृंगार पान के पत्तों और फूलों से किया गया। रात करीब नौ बजे गर्भगृह की साफ-सफाई के बाद बाबा को गंगा जल और दूध से नहलाया गया। इसके बाद करीब 4.5 फीट पान के पत्तों से बाबा का महाशृंगार किया गया।
शृंगार में गेंदा, कमल, सगरी, अपराजिता, जूही, चमेली आदि फूलों का उपयोग किया गया। महाआरती के समय मंदिर में 300 से अधिक श्रद्धालु मौजूद थे, जो हर-हर महादेव का जयकार लगा रहे थे।