Muzaffarpur Smart City में गड्ढों में हिचकोले खा रही जनता, DPR में सड़क के गड्ढे को भरने व ढलाई की नहीं है व्यवस्था

मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में लोग परेशान, गड्ढा मुक्त सड़क के लिए भटके रहे दरबदर

कहने को तो अपना शहर स्मार्ट सिटी है, लेकिन व्यवस्था व काम में स्मार्टनेस बिल्कुल ही नहीं दिखती है.

42 करोड़ की लागत से धर्मशाला चौक स्टेशन रोड से बैरिया गोलंबर तक एक साल से भी ज्यादा समय से नाला के साथ सड़क निर्माण चल रहा है. झारखंड की कंस्ट्रक्शन एजेंसी खोखड़ इंफ्रास्ट्रक्चर को इसकी जिम्मेदारी मिली है. एजेंसी फिलहाल स्टेशन रोड में एक तरफ नाला का निर्माण लगभग पूरा कर चुकी है. दूसरी ओर का काम अभी बाकी है. बैरिया से लक्ष्मी चौक के बीच दोनों तरफ नाला का निर्माण पूरा हो गया है. अब सड़क निर्माण शुरू है. लेकिन, पहले से जो सड़कें बनी हैं, उन पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं. ये गड्ढे बैरिया से लक्ष्मी चौक के बीच ही नहीं, बल्कि स्टेशन रोड में भी हैं. धर्मशाला चौक के पास मोतीझील ब्रिज के इंट्री प्वाइंट की सड़क पूरी तरह जर्जर हो गयी है. ईंट के बड़े-बड़े टुकड़े से पिछले साल उसे भरा गया था. गाड़ियों की चक्का पड़ने के बाद ईंट का टुकड़ा उखड़ कर सड़क पर फैल गया है. यहां लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. एजेंसी का कहना है कि तीन माह से इन गड्ढों को भरने व स्टेशन रोड की ऊंचाई बढ़ाने के लिए प्रस्ताव स्मार्ट सिटी कंपनी को सौंपी गयी थी, लेकिन आज तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है.

डीपीआर में सड़क के गड्ढे को भरने व ढलाई की नहीं है व्यवस्था

एमआइटी स्पाइनल रोड (बैरिया गोलंबर से धर्मशाला चौक तक स्टेशन रोड) के लिए जो डीपीआर बनी है, उसमें सड़क की ऊंचाई बढ़ाने व गड्ढे को भरने का एस्टीमेट तैयार नहीं है. एजेंसी काे नाला निर्माण के बाद सड़क की चौड़ाई बढ़ाते हुए पहले से जो सड़क बनी है, उसके ऊपर सिर्फ एक से डेढ़ इंच मोटाई की पीचिंग (मास्टिंग कालीकरण) करना है. गड्ढे को भरने का एस्टीमेट ही तैयार नहीं है.

निर्माण एजेंसी ने झाड़ा पल्ला

खोखड़ इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक चौरसिया ने कहा कि तीन माह से गड्ढे को भरने व धर्मशाला चौक ब्रिज के इंट्री प्वाइंट से लेकर जिला परिषद ऑफिस के सामने तक स्टेशन रोड की ऊंचाई बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर स्मार्ट सिटी कंपनी को दिया गया है, लेकिन प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. जब तक मंजूरी नहीं मिलेगी, तब तक हम कैसे ढलाई व मरम्मत कर सकते हैं. हमारे पास मटीरियल की कोई कमी नहीं है. सिर्फ समय से कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी है, इससे परेशानी है.

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