जिले में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए अनुबंधित कंपनी ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है। निजी कंपनी के 56 कर्मियों की टीम ने सभी सात डिविजन में सर्वे किया है।
अब एक सितंबर से शहर के तीन डिविजन में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। 30 दिसंबर तक कुल 25 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कंपनी की टीमों ने करीब 1.26 लाख घरों का सर्वे किया। इसमें देखा गया है कि बिजली कनेक्शन घर के किस सदस्य के नाम पर है। कनेक्शन पर कितना बिजली बिल बकाया है। प्रत्येक घर का औसत लोड क्या है। सर्विस वायर की स्थिति कैसी है। बिल भुगतान की कौन-सी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। कुल आठ मानकों पर हर घर के कनेक्शन का सर्वे किया गया है। इसी आधार पर संबंधित कंपनी स्मार्ट मीटर लगाने का काम करेगी।
मुख्यत: तीन डिविजन में लगेगा
पहले चरण के तहत शहर में 25 हजार मीटर लगाने का निर्णय लिया गया है। इसे मुख्यत: तीन डिविजन में किया जाएगा जिसमें टाउन एक, टाउन दो व रामदयालु पीएसएस शामिल है। इसके साथ ग्रामीण इलाकों में भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। हालांकि, शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं की संख्या सीमित होने के कारण प्रायोगिक तौर पर प्राथमिकता के आधार पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
बकाया बिल को 10 किस्त में चुकाने की मिलेगी सुविधा
सर्वे के दौरान सभी कनेक्शन पर बकाये की स्थिति के भी रिकॉर्ड लिए गए हैं। बिजली विभाग ने निर्णय लिया है कि जिन घरों पर बिजली बिल बकाया होगा, उन्हें 10 किस्तों में बिल चुकाने का मौका दिया जाएगा। स्मार्ट मीटर लगने के बाद ऐसे परिवार पूरी बकाया राशि का दसवां हिस्सा चुकता करेंगे और बाकी राशि से बिजली रिचार्ज कराएंगे जिसका वे उपयोग कर पाएंगे। 10 किस्त में बकाया चुकने के बाद उन्हें सिर्फ उपभोग के लिए स्मार्ट मीटर रिचार्ज कराना होगा।
जिले में लगने हैं साढ़े छह लाख मीटर
नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने तय किया है कि मुजफ्फरपुर के अधीन आने वाले जिलों में कुल 26 लाख मीटर लगाए जाने हैं। इसमें अकेले मुजफ्फरपुर में करीब साढ़े छह लाख मीटर लगेंगे। एनबीपीडीसीएल ने इन छह लाख स्मार्ट मीटर की आपूर्ति व इसे लगाने के लिए सर्वे का काम सिक्योर कंपनी को दिया है। मुजफ्फरपुर के अलावा अन्य जिलों में पहले सर्वे करा लिया गया है और अब मुजफ्फरपुर में भी सर्वे का काम पूरा हो गया है। 30 दिसंबर तक 25 हजार मीटर लगाने के बाद कंपनी बाकी के सवा छह लाख मीटर की आपूर्ति कई चरणों में करने वाली है।