मुजफ्फरपुर। कोरोना में पिछले दो सालों से फीकी जन्माष्टमी इस बार रौनक लेकर आई है। हरिसभा चौक स्थित राधा-कृष्ण मंदिर सहित शहर के सभी ठाकुरबाड़ियों में तैयारी जोरशोर से चल रही है।
19 अगस्त को लड्डू गोपाल का आगमन होगा। इसके लिए मंदिरों में रंग-रोगन के साथ सजावट शुरू हो गई है। राधा-कृष्ण मंदिर में छप्पन भोग की तैयारी चल रही है। भगवान के जन्मदिन पर चारों ओर उत्साह दिख रहा है। मंदिर के अलावा घरों में भी श्रद्धालु झूला महोत्सव की तैयारी में जुट गए हैं। राधा-कृष्ण मंदिर के पुजारी रवि झा ने बताया कि 1932 से इस मंदिर में पूजा हो रहा है। इस बार महाश्रृंगार, झूला दर्शन, लड्डू गोपाल दर्शन, मटकी फोड़, जागरण, बाल प्रभु जन्म दर्शन आदि का आयोजन होगा। इसके अलावा बाबा सर्वेश्वनाथ मंदिर, सरैयागंज, सूतापट्टी आदि जगहों पर भी धूमधाम से मनाने की तैयारी चल रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद
बाजारों में सामान की दुकानें सज गई हैं। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को सजाने के लिए कपड़े, फूलमाला और अन्य सामान को लेकर बाजार में रौनक है। पिछली बार के मुकाबले इस बार अच्छे व्यापार की उम्मीद है। हरिसभा चौक स्थित मूर्तिकार अरुण ने बताया कि कोरोना को लेकर बाजार में खरीदार की संख्या कम रही। इस बार भी कुछ वैसा ही उम्मीद दिख रही है। रमेश कुमार ने बताया कि एक सप्ताह पहले से ही सारे सामान को लाकर दुकान भर दिया है। पूजा के अवसरों पर बिकने वाली सामग्री के थोक व्यापारी राजकुमार ने बताया कि इस बार कुछ खास बिक्री नहीं दिख रही। ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार नहीं पहुंच रहे। मूर्तियों की कीमत
राधा-कृष्ण – 800 से 1500 रुपये तक
बासुदेवजी -250 रुपये
झूला – 220 रुपये
लड्डू गोपाल – 60 से 150 रुपये
शेषनाग -225
अष्टमी तिथि और कृतिका नक्षत्र दोनों का योग उत्तम
दोनों योग एक साथ होने से सभी जगहों पर शुक्रवार को ही कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। कृतिका नक्षत्र 18 अगस्त गुरुवार की रात्रि 3 : 25 मिनट से शुरू हो जाएगा जो 19 अगस्त शुक्रवार की सुबह 04:58 तक रहेगा। इसलिए गृहस्थ और वैष्णव दोनों ही इस उत्सव को एक साथ मनाएंगे। ऐसा बहुत वर्षो बाद हुआ है कि गृहस्थ वैष्णव, साधु संत एक ही दिन दिनों मिलकर इस उत्सव के मनाएंगे और व्रत रखेंगे। पंडित प्रभात मिश्र, पंडित संतोष मिश्र भारद्वाज, पंडित शत्रुध्न तिवारी, पंडित सुरेश चंद्र मिश्र ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी मनाते हैं तथा वैष्णव सम्प्रदाय को मानने वाले उदयकाल व्यापनी अष्टमी एवं उदयकाल रोहिणी नक्षत्र को जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं।