कमांड कंट्रोल बिल्डिंग के निर्माण में लेटलतीफी के कारण स्मार्ट सिटी के लिए सबसे अधिक जन उपयोगी मास्टर सिस्टम इंट्रीगेटर प्रोजेक्ट पर ब्रेक लग गया है। इसी साल 8 मार्च काे कंपनीबाग चौराहा और डीएम आवास माेड़ समेत कई स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए। एक भी ट्रैफिक सिग्नल काम नहीं कर रहा। लाल-पीली बत्ती दिखावे की वस्तु बन कर रह गई है। पांच माह के करीब बीत जाने के बाद भी ट्रैफिक सिग्नल लाइट निष्क्रिय है। इसकी वजह कमांड कंट्रोल बिल्डिंग के निर्माण में लापरवाही और मनमानी है। जबकि, यह शहर का सबसे संवेदनशील बिल्डिंग है। इस निर्माणाधीन बिल्डिंग में दाे बार चाेरी हाे चुकी है।
बुधवार काे स्मार्ट सिटी की निर्माण एजेंसी ने एमडी और पुलिस प्रशासन काे पत्र लिख सुरक्षा की मांग की है। शहर में इसी बिल्डिंग से ट्रैफिक, विधि व्यवस्था और क्राइम कंट्रोल से कई तरह की सुविधाओं की मॉनिटरिंग हाेगी। इस बिल्डिंग की चाक-चाैबंद सुरक्षा एयरपोर्ट की तरह करनी हाेगी।
शहर में ट्रैफिक और चप्पे-चप्पे पर इसी बिल्डिंग से रखी जानी है नजर, चोरी की वजह से सिग्नल नही ंहो रहे चालू
14 तक पूरे देश में इंटेलीजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम करना था चालू
स्मार्ट सिटी मिशन ने मुजफ्फरपुर, भागलपुर और पटना समेत देश के 25 स्मार्ट सिटी काे 14 अगस्त तक इंटेलीजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम चालू करने का डेडलाइन दिया था। बाकी 75 शहरों में सिस्टम काम कर रहा है। बिहारशरीफ में काम तकरीबन पूरा कर लिया गया है। लेकिन, वहां भी अभी रेड लाइट क्राॅस करने पर ऑनलाइन चालान काटने की व्यवस्था नहीं है। भागलपुर और पटना स्मार्ट सिटी में भी काम पूरा नहीं हुआ है।
65 स्थानों पर 800 सीसी कैमरों से की जानी है निगरानी
स्मार्ट सिटी से 153 कराेड़ की लागत से मास्टर सिस्टम इंट्रीगेटर के तहत शहर के 65 स्थानों पर 800 अत्याधुनिक सीसी कैमरे लगाने हैं। 15 स्थानों पर इसे इंस्टॉल किया जा चुका है। 27 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाना है। कंपनीबाग स्थित सिटी पार्क के निकट निर्माणाधीन कमांड कंट्रोल बिल्डिंग का 12 कराेड़ की लागत से निर्माण का डेडलाइन खत्म हाे चुका है। इसके बाद भी काम करीब 80 प्रतिशत ही हाे सका है। मास्टर सिस्टम इंट्रीगेटर के उपकरण और सामान पड़े हुए हैं।
कमांड कंट्रोल बिल्डिंग में अब तक बिजली का स्थाई कनेक्शन नहीं है। डीजे सेट और अस्थायी बिजली कनेक्शन से काम चल रहा है। बिल्डिंग में विडियाेवाल लगा है। इसी वीडियाेवाल पर शहर का लाइव टेलीकास्ट हाेना है। स्थायी बिजली कनेक्शन नहीं हाेने से वीडियाेवाल नहीं चल रहा। एसी पाइप चाेराें ने काट लिया और बैट्री भी चाेरी हाे चुकी है। बिल्डिंग बनाने वाली एजेंसी और स्मार्ट सिटी के इंजीनियर में भी तालमेल की कमी है।