न्यू जलपाईगुड़ी-अमृतसर कर्मभूमि एक्सप्रेस से पकड़े गए बाल तस्कर काम कराने के लिए फैक्ट्री संचालक से मोटी रकम वसूलते हैं। इसको लेकर ऑन डिमांड कॉल किया जाता है, जिसके बाद तस्कर पिछड़े इलाके के बच्चों व आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चो को बहला फुसलाकर ले जाते हैं। ताकि, बच्चो से बाल मजदूरी कराया जा सके।
पुलिस से पूछताछ में उक्त बातों का खुलासा हुआ है। मामले के पुलिस के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें गिरफ्तार अररिया के मो़ अहमद, कटिहार के संजीव कुमार मंडल, अलका अली, दरभंगा के चंदन यादव मधेपुरा के सुशील मंडल, सीतामढ़ी के इजाज आलम, शिवहर के मो़ आलमगीर को आरोपित बनाया है। साथ ही पूछताछ के बाद सभी को सोनपुर स्थित रेलवे के कोर्ट में पेश किया गया। जहां से सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लोग लघु कुटीर उद्योग वाले फैक्ट्री के संपर्क में होते हैं। जब उन्हें मजदूर की जरूत होती है, वे उन्हें कॉल कर इसकी डिमांड करते हैं। जिसे वे लोग उपलब्ध कराते हैं। बताया कि अधिकांश लघु कुटीर उद्योग में बाल मजदूर का ही डिमांड होता है। ये मजदूर कम मजदूरी पर उपलब्ध होते है। इससे उनका काम भी हो जाता है और मजदूरी में भी बचत होती है। फैक्ट्री भी इनसे सीधे संपर्क में नहीं होता। वह भी एक ठेकेदार के संपर्क में होता है। जो इन तस्करों से लेबर सप्लाई की डिमांड करता है। इसके लिए मोटा कमीशन मिलता है। इससे पहले भी ये तस्कर बाल मजदूर दूसरे राज्यों में पहुंचा चुके हैं।
बताया जाता है कि ये तस्कर सुदूर ग्रामीण व पिछड़ा इलाके के बच्चों की तलाश करते हैं। वैसे बच्चे को अपने साथ ले जाते हैं जो पारिवारिक और आर्थिक रुप से लचर होता है। उसे पैसे का लालच दिखाकर अपने साथ ले जाते हैं। परिजन को इसे लेकर पहले ही एडवांस आदि भी देते हैं।