एमआइटी के स्टाफ काउंसिल में उठी आवाज, निष्पक्ष जांच को लेकर प्राचार्य ने आइजी को लिखा पत्र
मुजफ्फरपुर। एमआइटी के छात्रों व पुलिस के बीच झड़प को लेकर एमआइटी स्टाफ काउंसिल की बैठक में निष्पक्ष जांच की आवाज उठाई गई।
छात्रों की ओर से भी इस संबंध में प्राचार्य को आवेदन दिया गया। इसके आलोक में प्राचार्य डा.सीबी महतो ने तिरहुत रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) को पत्र लिखा है। इसमें किसी वरीय पदाधिकारी से मामले की जांच कराने का अनुरोध किया है। प्राचार्य ने कहा पुलिस की कार्रवाई से संस्थान में डर का माहौल : प्राचार्य आइजी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि 17 अगस्त को छात्रों व पुलिस के बीच झड़प की घटना को लेकर कुछ छात्रों को नामजद व सौ अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इससे एमआइटी के छात्रों के बीच डर का माहौल है। एमआइटी स्टाफ काउंसिल की बैठक में इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है। उन्होंने छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक वरीय पदाधिकारी से मामले की मेधा के आधार पर प्राथमिकी में लगाए गए संगीन धाराओं को समाप्त करने का अनुरोध किया है। ऐसी कदम उठाई जाए कि भविष्य में फिर से ऐसी घटना न हो।
उन्होंने विश्वास दिलाया कि मामले को शांत कराने एवं अनुशासन का वातावरण बनाने के लिए संस्थान की ओर से निरंतर प्रयास किया जा रहा है। घटना को बताया दुखद : एमआइटी स्टाफ काउंसिल की बैठक में कहा गया कि 17 अगस्त की शाम किसी बात को लेकर एमआइटी गेट के निकट कुछ छात्रों व सिपाहियों के बीच झड़प हुई। इसमें तथाकथित पिस्टल छीने जाने की घटना घटी। इसके बाद अधिकांश सादे लिबास में पुलिस प्रशासन पुलिस बल के साथ छात्रावास में गए।
इन सिपाहियों ने कुछ छात्रों की पिटाई कर दी। हो हल्ला होने पर वहां कुछ शिक्षक व कालेज कर्मी वहां पहुंचे। इसके बाद संस्थान प्रशासन को पुलिस की ओर से इसकी जानकारी दी गई। एमआइटी प्रशासन ने समझा-बुझा कर छात्रों को शांत कराने का प्रयास किया।
उन्हें पिस्टल लौटाने को कहा गया। छात्रों ने पिस्टल छीनने से अनभिज्ञता जताई। आरोप लगाया गया है कि पुलिस प्रशासन ने कुछ छात्रों को संस्थान भवन में पूछताछ के लिए ले जाने की बात कह कर थाना ले जाया गया। छात्रों ने आरोप लगाया गया कि उसे पिटाई करते ले जाया गया।
छात्रों की पिटाई की काउंसिल ने की निंदा : एमआइटी स्टाफ काउंसिल ने बैठक में चार प्रस्ताव पारित किए गए । इसमें संस्थान प्रशासन की बिना किसी सूचना दिए व विश्वास में लिए सादे लिबास में छात्रावास क्षेत्र में पुलिस के जाने व निर्दोष छात्रों की पिटाई की घोर निंदा की गई है। पुलिस व छात्रों के बीच झड़प व पिस्टल छीने जाने की घटना को दुखद बताया। तथाकथित पिस्टल छीने जाने उसक बरामदगी के बाद 18 छात्रों को हिरासत में लिया गया।
इसमें 15 छात्रों को छोड़ा गया। तीन छात्रों को रोके जाने पर काउंसिल में दुख व्यक्त किया गया। स्टाफ काउंसिल ने एमआइटी के प्राचार्य को इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को देते हुए निष्पक्ष जांच कराने के लिए अधिकृत किया है। प्राचार्य डा.सीबी महतो ने कहा कि घटना को लेकर चार छात्रों को नामजद व सौ अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किए जाने से संस्थान में डर का माहौल है। पुलिस कार्रवाई के भय से छात्र संस्थान में नहीं आ रहे हैं। वरीय पदाधिकारी से निष्पक्ष जांच के लिए आइजी से अनुरोध किया गया है। निष्पक्ष जांच नहीं होने की स्थिति में जनहित याचिका दाखिल की जाएगी।