मुजफ्फरपुर कोर्ट ने पूछा, पुलिस ने एमआइटी प्रशासन से परिसर में प्रवेश की अनुमिति ली या नहीं
मुजफ्फरपुर। एमआइटी परिसर में बीते 17 अगस्त को पुलिस के प्रवेश मामले को लेकर प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में मंगलवार को अर्जी दाखिल की गई है।
यह अर्जी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद एमआइटी के छात्र प्रद्युम्न कुमार व ऋषि कुमार की ओर से उसके अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने दाखिल की है। इसमें सवाल उठाया गया है कि परिसर में प्रवेश के लिए पुलिस ने एमआइटी प्रशासन से अनुमति ली थी या नहीं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने इसकी प्रति मामले के जांच अधिकारी व एमआइटी के प्राचार्य को भेजने का आदेश देते दोनों से इस संबंध में जानकारी मांगी है। पेन ड्राइव के संबंध में मांगी गई रिपोर्ट : आरोपित छात्रों की ओर से कोर्ट में अर्जी के साथ पेन ड्राइव पेश किया गया था।
इस पेन ड्राइव में 17 अगस्त को एमआइटी परिसर में पुलिस कार्रवाई का सीसी कैमरे में कैद वीडियो फुटेज है। अर्जी में कहा गया है कि पुलिस ने छात्रों की बर्बरता पूर्वक पिटाई की। घायल छात्रों का उपचार निजी व सरकारी अस्पताल में चल रहा है। छात्र प्रद्युम्न कुमार व ऋषि कुमार की जमानत अर्जी पर 29 अगस्त को सुनवाई होगी।
कोर्ट ने ब्रह्मपुरा थाना पुलिस के जांच अधिकारी से केस डायरी मांगी है। यह है मामला : 17 अगस्त की शाम पुलिस लाइन के सिपाही मो.रमीज रजा व एमआइटी के छात्रों के बीच भिड़ंत हो गई थी। सिपाही ने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट के बाद छात्रों ने उनकी पिस्टल छीन ली और इसको लेकर छात्र प्रद्युम्न कुमार, निकेत कुमार, ऋषि कुमार व प्रियांशु को नामजद व अन्य अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई। प्रद्युम्न, निकेत व ऋषि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। प्रद्युम्न व ऋषि न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है, वहीं कारोना पाजेटिव होने के कारण निकेत श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में क्वरांटाइन हैं। दूसरी ओर इस घटना को लेकर एमआइटी के छात्रों में भारी आक्रोश है।