इससे मरीज पर्ची नहीं कटा सके। लगभग 1500 मरीज बिना इलाज लौट गए।
कई मरीज ओपीडी खुलने के इंतजार में सुबह से दोपहर तक बैठे रहे। ओपीडी बंद कराने के बाद भी मेडिसिन विभाग की ओपीडी में डॉक्टर बैठे थे। इक्के-दुक्के मरीजों का इलाज भी डॉक्टरों ने किया। वहीं, इंटर्न डॉक्टरों ने ओपीडी के बाहर नारेबाजी और प्रदर्शन भी किया। एसकेएमसीएच में हड़ताल के कारण सीतमाढ़ी से बच्चे को इलाज कराने आया मोहन भी वापस लौट गया। डॉक्टरों ने कहा कि जबतक उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं और स्टाइपेंड नहीं बढ़ाया जाता है, तबतक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। वहीं, अस्पताल अधीक्षक डॉ. बाबू साहब झा ने इंटर्न डॉक्टरों को समझाने की कोशिश की और हड़ताल खत्म करने की अपील की, लेकिन इंटर्न डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े रहे। एसकेएमसीएच में डॉक्टरों की हड़ताल से अल्ट्रासाउंड कराने आए मरीज भी वापस लौट गए। कुछ मरीज थे जिन्हें दो महीने बाद बुधवार का नंबर मिला था। हालांकि, सुबह 11 बजे से इंटर्न डॉक्टरों ने भी अल्ट्रासाउंड जांच शुरू करा दी। अल्ट्रासाउंड के अलावा इमरजेंसी में आए मरीजों का एक्स-रे भी किया गया।