मुजफ्फरपुर शहर की सड़को पर तीन हजार आवारा कुत्ते, हर महीने 40 से अधिक होते शिकार

गर निगम के आकलन के अनुसार शहर में तीन हजार से अधिक आवारा कुत्ते सड़कों पर घूम रहे हैं। दिनभर सुनसान गलियों और झाड़ियों में छिपे रहने वाले इन आवारा कुत्तों का रात आठ बजे से सड़कों पर आतंक शुरू हो जाता है।

हर गली और मुख्य मार्ग पर रात में गुजरने वाले बाइक सवार व राहगीर को काफी दूर तक आवारा कुत्ते खदेड़ते हैं। इससे कई गंभीर दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं।

बीते साल आवारा कुत्ते से बचने के लिए मिठनपुरा रोड में बाइक सवार युवक डिवाइडर से टकराकर गिर गया। सिर में चोट लगने से उसकी मौत हो गई थी। कुत्तों के आतंक का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हर माह औसतन 40 से 45 डॉग बाइट के केस सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं। आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर निगम में 10 साल के दौरान चार बार योजना बनी। आवारा कुत्ते को पकड़ने के लिए कैचर वाहन खरीदने और कुत्तों को पकड़कर नसबंदी कराने तक की योजना बोर्ड से पारित हुई, लेकिन इसे धरातल पर नहीं उतारा जा सका। आवारा पशुओं के नाम पर सड़क पर घूमते वाली गाय को पकड़ने के लिए काय कैचर खरीदा गया, लेकिन आवारा कुत्तों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

तत्कालीन मेयर सुरेश कुमार ने बताया कि उन्होंने नगर आयुक्त को आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए निजी एजेंसी बहाल करने का निर्देश दिया था। टेंडर कर स्ट्रीट डॉग को पकड़कर उसकी नसबंदी कराकर छोड़ देना था। नसबंदी होने के बाद दो से तीन साल में कुत्तों की संख्या कम जाती, लेकिन तत्कालीन नगर आयुक्त ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया।

मांस-मछली वाले इलाके में कुत्तों का आतंक:

शिवशंकर पथ के सामने मुख्य सड़क के किनारे मीट की दुकानें हैं। इस कारण वहां पर काफी संख्या में कुत्ते मंडराते रहते हैं। ब्रह्मपुरा, सादपुरा, माड़ीपुर, करबला मोड़, मिठनपुरा, आमगोला रोड समेत कई प्रमुख मार्गों में कुत्तों का आतंक रात आठ बजे के बाद शुरू होता है। दिन में मुख्य सड़क पर अधिक भीड़ रहने के कारण शिवशंकर पथ से जुड़ी गलियों में कुत्ते छिपे रहते हैं। निवर्तमान पार्षद प्रियंका शर्मा ने बताया कि इलाके में बीते चार दिनों से कुत्तों ने आतंक मचाकर रखा है। दास कॉलोनी से लेकर वीसी लेन तक कई कुत्ते बच्चों पर हमले कर रहे हैं।

दर्दनाक हादसा हुआ है। नगर निगम में पूर्व से कोई डॉग कैचर नहीं रहने के कारण कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान नहीं चला है। शीघ्र ही डॉग कैचर खरीदकर अभियान चलाकर पशु अस्पताल में नसबंदी कार्यक्रम शुरू कराया जाएगा।

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