मुजफ्फरपुर में शहर से लेकर गांव तक बिजली संकट, 12-13 घंटे ही मिल रही बिजली, छोटे उद्योगों में 50% घटा उत्पादन

जिले में शहर से लेकर गांव तक बिजली संकट गहराया हुआ है। 12 से 13 घंटे ही आपूर्ति हो रही है। इससे आम उपभोक्ताओं के साथ उद्यमियों की भी काफी परेशानी बढ़ी हुई है।

सबसे ज्यादा नुकसान कम पूंजी वाले छोटे उद्यमियों को उठाना पड़ रहा है। बिजली कटौती से आटा चक्की, मसाला फैक्ट्री व पत्ता फैक्ट्री में उत्पादन बाधित हो रहा है। आटा चक्की में करीब 50 फीसदी, मसाला फैक्ट्री में 30 से 40 फीसदी व पत्ता फैक्ट्री में 50 फीसदी तक उत्पाद में गिरावट आयी है। जिले में 22 सौ छोटे और कुटीर उद्योग हैं।

कुढ़नी टोला निवासी विक्रम कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने आटा चक्की व मसाला फैक्ट्री लगाई है। गत एक सप्ताह से बिजली संकट है। दिन से लेकर रात तक 24 घंटे में 12 से 13 घंटे ही बिजली मिल रही है। दिन में करीब 20 से 25 बार बिजली ट्रिप करती है। इससे मशीन बार-बार बंद हो जाती है। शाम सात बजे के बाद पांच से छह घंटे बिजली कटनी तय है। इससे काफी नुकसान हो रहा है। पहले आटा चक्की से आठ से नौ क्विंटल गेहूं पिसाई होती थी। अभी तीन-चार क्विंटल ही गेहूं पिसाई हो पा रही है। बिजली की जिस समय स्थिति सही थी, उस दौरान 25 किलो तक प्रतिदिन मसाला पिसाई होती थी। अभी 10 से 12 किलो ही मसाला पिसाई हो पा रही है। ग्राहक लौटकर चले जाते हैं।

गौसी भागीरथ गांव निवासी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने पत्ता फैक्ट्री खोली है। बिजली कटौती से स्थिति काफी खराब है। बिजली कटने के बाद मशीन को गर्म होने में 10 से 15 मिनट का समय लगता है। इस दौरान बेवजह बिजली बर्बाद होती है। पहले उनकी फैक्ट्री से प्रतिदिन नौ बैग पत्ता उत्पादन होता था, लेकिन अभी चार से पांच बैग ही पत्ता उत्पादन हो पा रहा है। इससे आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है।

बिजली संकट पर फूट रहा उपभोक्ताओं का गुस्सा

शनिवार को कुढ़नी पीएसएस पर उपभोक्ताओं ने एक घंटे तक धरना-प्रदर्शन किया। हाथ में तख्ती लिए महिला व पुरुष उपभोक्ताओं ने बिजली विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। मिथुन कुमार ने बताया कि पिछले चार-पांच दिनों से बिजली संकट है। रात में पांच से छह घंटे बिजली बिना किसी सूचना के कट रही है। बिजली विभाग के अधिकारियों से भी आक्रोशित उपभोक्ताओं की मोबाइल पर बात हुई। बताया गया कि बिजली का कम आवंटन मिल रहा है। मांग के अनुसार आवंटन मिलने पर बिजली संकट दूर हो जाएगा। इसके बाद उपभोक्ताओं का आक्रोश शांत हुआ।

बमांग से 73 मेगावाट कम मिली बिजली

मुजफ्फरपुर। मुशहरी को छोड़कर शनिवार को जिले के तीनों ग्रिड में कटौती की गई। भिखनपुरा ग्रिड में 105 की जगह 80 मेगावाट बिजली मिली। एसकेएमसीएच ग्रिड को 95 की जगह 80 मेगावाट बिजली मिली। मोतीपुर ग्रिड को 45 की जगह मात्र 12 मेगावाट बिजली मिली। भिखनपुरा ग्रिड में कटौती से कुढ़नी, मड़वन सहित अन्य पीएसएस लोड शेडिंग में फंस गए। कुढ़नी पीएसएस में दो घंटे तक बिजली कटौती हुई। मोतीपुर फीडर में कटौती से साहेबगंज, सिरसियां को एक-एक घंटे के रोटेशन पर चलाना पड़ा जबकि मोतीपुर व बरुराज पीएसएस में बिजली बंद रही। इधर, बीबीगंज चित्रकूट नगर के एक फेज में बिजली नहीं रहने से परेशानी हुई। बावनबीघा में भी ट्रांसफार्मर में फॉल्ट की वजह से पांच घंटे बिजली बंद रही।

सरकार को ग्रीन एनर्जी से छोटे व कुटीर उद्योग चलाने के लिए उद्यमियों को प्रेरित करना चाहिए। इससे उद्यमियों को बचत होगी। सरकार को ग्रीन एनर्जी से उद्योग चलाने के उद्यमियों को साधन उपलब्ध कराना चाहिए।

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