मुजफ्फरपुर में खुलेगा पहवा कचरा प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र.
कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में जिला पूरे देश में नजीर बनेगा. इसके लिए पहल शुरू हो गयी है. सकरा प्रखंड के सकरा वाजिद पंचायत में नौ हजार वर्ग फुट में बनने वाला राज्य का यह पहला अत्याधुनिक केंद्र होगा, जिसमें स्वच्छता से जुड़े दूसरे राज्य के कर्मी व पदाधिकारी को भी ट्रेनिंग दी जायेगी. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत ग्रामीण विकास विभाग की ओर से इस केंद्र को बनाया जा रहा है. ट्रेनिंग सेंटर का एक्शन प्लान तैयार किया जा चुका है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर दो अक्तूबर को इसका उद्घाटन होगा. विभाग ने प्रथम किस्त के तौर पर 16 लाख रुपये उपलब्ध करा दिया है. कर्नाटक का एक प्रतिनिधि मंडल अगले माह एक्सपोजर विजिट के लिए आयेगा. बताया जा रहा है कि इस मॉडल को दूसरे प्रदेश में भी लागू किया जायेगा.
नौ हजार वर्ग फुट का होगा ट्रेनिंग सेंटर
यह सेंटर नौ हजार स्क्वायर फुट में होगा. इसमें ठोस, तरल, प्लास्टिक कचरा के मैनेजमेंट के गुर सिखाये जायेंगे. इसके अंदर प्लास्टिक प्रोसिंग यूनिट होगी, जिसकी मशीन पहुंच चुकी है. बड़े हॉल के अंदर एक कैफेटेरिया ऑफिस, ऑडियो विजुअल सिस्टम होगा. पूरे परिसर में पौधरोपण होगा, बिजली की जगह यह सोलर से संचालित होगा. ट्रेनिंग सेंटर में एक साथ 80 लोगों को ट्रेनिंग दी जायेगी. ट्रेनिंग लेनेक वाले में बीडीओ, बीपीआरओ, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर के अलावा स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मी व पदाधिकारी शामिल होंगे.
कचरे के सामान की प्रदर्शनी
कचरे से बनने वाले उत्पाद की प्रदर्शनी लगेगी, इसके लिए अलग से एग्जीबिशन हॉल होगा. खासकर स्कूली बच्चों द्वारा बनाये गये समान को इसमें प्रदर्शनी के रूप में रखा जायेगा, बच्चे का नाम-पता भी होगा. कचरा से बेहतर उत्पाद बनाने वाले पुरस्कृत किया जायेगा. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के जिला समन्वयक रंजीत कुमार साह ने कहा कि राज्य का पहला कचरा प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण के लिए राशि उपलब्ध करा दी गयी है. इसका निर्माण दो अक्तूबर तक पूरा कर लिया जायेगा. कचरा प्रबंधन की थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल जानकारी दी जायेगी. कचरा प्रबंधन के क्षेत्र के लिए यह नजीर होगा.
56 पंचायतों में चल रहा कचरा प्रबंधन
स्वच्छता अभियान के तहत प्रथम चरण में 56 पंचायतों में कचरा प्रबंधन का काम चल रहा है. जल्द ही इसे 125 पंचायतों में शुरू किया जायेगा. इसके लिए राशि आवंटित कर दी गयी है. ग्रामीण इलाके से निकलने वाले कचरा के किस्म और मात्रा को लेकर सर्वे चल रहा है.