कोरोना संक्रमण के बीच छठ की तैयारियों को देखते हुए मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का एक गीत सुर्खियों में है। गीत में लोगों को कोरोना को लेकर सतर्क रहते हुए पूजा करने का संदेश दिया गया है। इस ओडियो-विजुअल गीत को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया है।
वीडियो की शुरुआत मां-बेटे के बीच बातचीत से होती है। बेटा, मां से कहता है कि इतनी भीड़ में घाट पर अभी भी जाना सुरक्षित नहीं है। मां गुस्से में कहती हैं कि इस बार तुम्हारे बाबू जी कोरोना की वजह से घर पर नहीं आए और अब हम पूजा के लिए घाट पर भी नहीं जाएं… एक बात कान खोलकर सुन ले… छठ पूजा तो हम घाट पर ही करेंगे… इस करोना ने सब कुछ बरबाद करके रख दिया।
इसके बाद लोक गायिका शारदा सिन्हा का गाया नया लोक गीत शुरू होता है। शारदा सिन्हा की वही आवाज जिसके बिना छठ पूरा नहीं होता। वीडियो के अंत में दिखता है कि गुस्सा छोड़ कर मां छत पर छठ करती हैं।
4 मिनट 23 सेकेंड की फिल्म, 3 मिनट 50 सेकेंड गीत गाया
इस वीडियो का नाम है ‘अइसन बिपतिया।’ इस 4 मिनट 23 सेकेंड की फिल्म में गीत 3 मिनट 50 सेकेंड का है। मुंबई में इसकी रिकॉर्डिंग हुई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छठ पूजा को लेकर यह पहल की है। छठ पूजा के दौरान कोरोना को देखते हुए लोक गायिका शारदा सिन्हा की मदद से स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह गीत जारी किया है।
छठ के दौरान कोविड सुरक्षित व्यवहार के पालन के लिए पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित शारदा सिन्हा का ऑडियो विजुअल गीत जारी किया गया है। गीतकार हैं ज्योतेन्द्र मिश्रा, म्यूजिक अरेंजमेंट सुदीप बनर्जी, म्यूजिक कॉन्सेप्ट अंशुमान सिन्हा का है। एडिटर हैं प्रदीप कुमार।
गीत के बोल हैं
अइसन बिपतिया आइल.. बरत लगाईं पार… रऊए से असरा लगल बा.. कर दीही जग उजियार…छठि मईया जग के आधार… बहंगी से भारी समईया.. दुख में डूबल संसार… खोली-खोली अंखिया सूरजदेव कर दिही जग उजिआर….गंगा जी के पनियां किरिणिया निहारे……दूर बइठल ननदी गोतनिया कैसे बनी ठेकुआ… कसार….।
खुद कोविड की चपेट में आ गईं थीं शारदा सिन्हा
कोरोना की पीड़ा शारदा सिन्हा के इस लोकगीत में दिखती है। लोक गायिका शारदा सिन्हा खुद भी कोविड से पीड़ित रहीं और अस्पताल में कई दिनों तक भर्ती रहना पड़ा था। इसलिए कोरोना का दर्द और लोक आस्था के पर्व छठ के प्रति आस्था का भाव दोनों इसमें है।
अंत में शारदा सिन्हा कहती हैं कि कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। इसलिए कोरोना उचित व्यवहार करें। जिम्मेदारी से छठ मनाएं। वह हिदायत देती हुई यह भी कहती हैं कि कोरोना के दोनों टीके लेना नहीं भूलें।
INPUT: Bhaskar