10 दिनों बाद बुधवार को शहर से कूड़ा उठाव फिर शुरू होने से गंदगी और जलजमाव से जूझ रहे शहरवासियाें काे राहत मिली। हालांकि, पहले दिन दाेपहर बाद से टिपर, ट्रैक्टर से लेकर हाइवा निकला। इसके कारण शहर के प्रमुख मार्गाें के डंपिंग स्थलाें से कचरा उठ सका।
10 दिनाें तक चली नगर निगम कर्मियों की हड़ताल की वजह से शहर के गली-माेहल्ले और बाजाराें में 1000 टन कचरा पसरा है। इसे देखते हुए हड़ताल टूटने के बाद बुधवार की रात में भी सफाई अभियान चला और जेसीबी से कचरे का उठाव हुअा।
निगम कर्मचारी महासंघ के महामंत्री अशाेक सिंह ने कहा कि सुबह में बैठक कर कर्मियाें काे वार्ता के बारे में जानकारी दी गई। निगम कार्यालय के कर्मचारी ताे साढ़े 10 बजे के बाद ड्यूटी पर अा गए। लेकिन, सफाई वाहन निकलने में देरी हुई। दाेपहर बाद 32 ट्रैक्टर, 2 हाइवा से तकरीबन 30 टन कचरा का उठाव हुअा। रात में भी जेसीबी और हाइवा से डंपिंग प्वॉइंट पर जमा कचरे के ढेर काे हटाया गया। काफी कचरा है, इसलिए दिन-रात एक कर तीन-चार दिनाें में पूरी तरह से सफाई करा दी जाएगी।
डाेर-टू-डाेर कूड़ा कलेक्शन के लिए गुरुवार से टिपर निकलेगा। हड़ताल के बाद सफाईकर्मी भी कम निकले। निगम में 1500 सफाईकर्मियाें में से मुश्किल से 150-200 कर्मचारी काम पर आए। सफाई कूली नहीं मिलने के कारण सफाई प्रभारी अजय कुमार एवं कौशल किशोर पूरे दिन व्यवस्था में भाग-दौड़ते करते रहे।
किया हंगामा
बातचीत से नाराज कर्मचारी संशय में
कर्मचारी महासंघ बीती रात डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ हुई वार्ता से संतुष्ट दिखे। लेकिन, नाराज सफाईकर्मी संशय में हैं। बहलखाना में कर्मियाें ने संघ नेताओं के समक्ष हंगामा किया और कहा कि 10 दिनाें की हड़ताल के बाद नतीजा क्या निकला? वैसे महासंघ का कहना था कि 1200 कर्मचारियाें के स्थायीकरण के लिए डिप्टी सीएम ने आश्वस्त किया है कि 13 सितंबर काे हाेने वाली कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे काे रखेंगे।
आउटसोर्सिंग पर जितना खर्च हाे रहा है, उसके बदले कर्मचारी काे नियमित करेंगे। इस पर आने वाले खर्च का हिसाब करने का निर्देश विभाग काे दिया गया है। बता दें कि मंगलवार को पटना में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ हड़ताली निगमकर्मियों की वार्ता हुई थी, जिसमें मांगें पूरी करने का आश्वासन मिला है।
हड़ताल बाद कार्यालय में बैठे बीता अधिकारियाें का दिन
हड़ताल के बाद निगम अधिकारियाें का दिन भी कार्यालय में बैठे-बिठाए बीता। सफाई वाहन निकालने के अधिकारी बहलखाना वर्क शाप तक नहीं गए। हालात से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के बदले सभी एक मूड में दिखे कि गुरुवार से सही तरीके से कार्य हाेगा।