मुजफ्फरपुर में प्राइवेट नर्सिंग होम की करतूत, यूट्रस का ऑपरेशन करवाने गई महिला की निकाल ली दोनो किडनी, PMCH पहुंची तो खुला राज

मुजफ्फरपुर में शुभ कांत क्लिनिक में डॉक्टर ने महिला की किडनी ही निकाल ली। महिला पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी। डॉक्टर ने कहा, उसका यूट्रस खराब हो गया है। ऑपरेशन करना पड़ेगा। परिवार वालों ने उसे भर्ती करा दिया। ऑपरेशन के बाद महिला की तबीयत बिगड़ गई।

परिवार वाले उसे पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) लेकर पहुंचे। यहां जांच में पता चला कि उसकी किडनी ही नहीं है। मामला मानव अंग तस्करी से जुड़ा हो सकता है। फिलहाल FIR के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पीएमसीएच से महिला को दूसरी जगह ले जाने के लिए कह दिया गया। परिवार वाले महिला को लेकर घर आ गए। महिला की हालत खराब है। पहले ही ऑपरेशन के लिए 30 हजार रुपए क्लिनिक संचालक ने ले लिए थे। परिवार के पास इतने रुपए नहीं हैं कि दूसरी जगह इलाज के लिए ले जाएं। पुलिस ने परिवार वालों की शिकायत पर शुभ कांत क्लिनिक के संचालक पवन के खिलाफ ह्यूमन पार्ट्स ट्रांसप्लांट एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।

यह मामला मुजफ्फरपुर जिले के बरियारपुर ओपी के बाजी कस्बे का है। 33 साल की सुनीता देवी पेट दर्द की वजह से में शुभ कांत क्लिनिक पर पहुंची थी। वहां डॉक्टर ने कहा कि यूट्रस का ऑपरेशन करना होगा। इसके लिए परिवार वाले तैयार हो गए। 3 सितंबर को सुनीता का ऑपरेशन हुआ, लेकिन इसके बाद सुनीता की हालत और खराब होने लगी। परिजन जब उसे लेकर पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) पहुंचे तब 5 सितंबर को पता चला कि उसकी दोनों किडनी निकाल ली गई हैं।

यूट्रस का ऑपरेशन कराने गई थी महिला, दोनों किडनी निकाल ली, हालत नाजुक।

ऑपरेशन के बाद बिगड़ने लगी हालत

सुनीता के भाई अरुण ने बताया कि उसकी बहन के पेट में तेज दर्द था। इसलिए उसे लेकर नर्सिंग होम में गए। वहां जांच करने के बाद यूट्रस निकालने की बात कही गई। इसके लिए हम सभी लोग तैयार हो गए। नर्सिंग होम के संचालक ने ऑपरेशन करने के लिए बाहर से बड़े डॉक्टर को बुलाने की बात कही।

3 सितंबर को डॉक्टर आए और सुनीता का ऑपरेशन हो गया। लेकिन, इसके बाद उसकी हालत और बिगड़ने लग गई। तब नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने उसे पटना ले जाने को कहा। वहां जांच में पता लगा कि महिला की किडनी निकाल ली गई है।

पेट में गोला है, ऑपरेशन के लिए गए तो किडनी ही निकाल ली: सुनीता

पीड़ित महिला सुनीता ने बताया कि डॉक्टर ने कहा था, पेट में गोला है, निकालना पड़ेगा। ऑपरेशन के लिए गए तो किडनी ही निकाल दी। उन्होंने इस ऑपरेशन के लिए 30 हजार रुपए भी लिए थे।

PMCH में जांच के बाद किडनी नहीं होने की बात रिपोर्ट में लिखी गई।

PHC प्रभारी से मांगी है रिपोर्ट- सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉक्टर UC शर्मा ने कहा कि सकरा PHC प्रभारी से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। इसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मेडिकल रिपोर्ट के जांच के बाद कार्रवाई होगी: पुलिस

मामला सामने आने पर बरियारपुर ओपी प्रभारी राजेश कुमार ने कहा कि मामले में शिकायत मिली है। मरीज सुनीता की मां तेतरी देवी ने आवेदन दिया है। जिसमें सुनीता देवी की किडनी निकाल लेने की शिकायत की गई है। मेडिकल रिपोर्ट की जांच की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्लिनिक रजिस्टर्ड नहीं है। हालांकि बाद में FIR दर्ज कर ली गई।

ह्यूमन पार्ट्स ट्रांसप्लांट एक्ट, SC-ST एक्ट में केस दर्ज
सुनीता के परिजनों ने निजी नर्सिंग होम के संचालक पवन कुमार और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों पर किडनी निकालने का आरोप लगाया है। इस मामले में मामले को लेकर बरियारपुर थाने में शिकायत के बाद नर्सिंग होम संचालक के खिलाफ ह्यूमन पार्ट्स ट्रांसप्लांट एक्ट और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

संचालक ने कहा- आरोप बेबुनियाद

इधर, संचालक पवन का कहना है यूट्रस के अलावा राइट और लेफ्ट ओवरी का ऑपरेशन हुआ था। यूट्रस और दोनों ओवरी काटकर हटा दिया गया था। डॉक्टर मुजफ्फरपुर से आए थे। उनके यहां अल्ट्रासाउंड नहीं हुआ था। ऑपरेशन के बाद मरीज का यूरिन बाहर नहीं निकला तो वे खुद अपने खर्चे पर उसे पटना ले गए थे। किडनी निकालने का आरोप बेबुनियाद है।

वहीं सदर अस्पताल में फिजिशियन डॉक्टर नवीन कुमार ने बताया कि बिना दोनों किडनी वाले मरीजों को दवा लेना और नियमित डायलिसिस कराना जरूरी है। नहीं करवाने पर मुश्किल से दस से बारह दिन ही जीवित रह सकता है।

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