मुजफ्फरपुर नगर निगम चुनाव : आचार संहिता लागू होते ही फंसी 15-15 लाख की योजनाएं, अब नही शुरू होगा काम

नगर निगम चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू हाेने के साथ निवर्तमान पार्षदाें की बेचैनी बढ़ गई है। यह बेचैनी खास कर 15-15 लाख की याेजना को लेकर है। टेंडर के बावजूद किसी भी वार्ड में अब यह काम आचार संहिता की वजह से शुरू नहीं हाे सकेगा।

क्योंकि, टेंडर व वर्कऑर्डर जारी हाेने के बावजूद शहर में काम शुरू नहीं हाे सका है। जानकारों का कहना है कि आचार संहिता लागू हाेने से अब शहरी क्षेत्र में काेई भी नया काम नहीं हाेगा।

हालांकि, स्मार्ट सिटी, निगम मद से चल रही योजनाओं, सात निश्चय याेजना के तहत पहले से चल रही योजनाओं पर इसका काेई असर नहीं पड़ेगा। जाे भी प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं, वह चलता रहेगा। साथ ही पहले से बन रहे सड़क-नाला के काम पर भी असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि नगर निगम बाेर्ड ने सभी वार्डों में 15-15 लाख से सड़क-नाला निर्माण की स्वीकृति दी थी। इसके बाद तत्कालीन नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय के समय टेंडर भी हुअा।

लेकिन, निगम की सियासत की वजह से राशि का अभाव बताते हुए टेंडर को कैंसिल कर दिया गया। 15-15 लाख का प्राेजेक्ट ज्यादातर निवर्तमान पार्षदाें का सबसे बड़ा सपना रहा है, जाे आचार संहिता लागू हाेने के साथ चकनाचूर हाे गया।

तीन साल से वार्ड में तैनात जमादार, सर्किल इंस्पेक्टर, सफाईकर्मियों, तहसीलदार व पानी कल स्टाफ के सामूहिक स्थानांतरण से निवर्तमान पार्षदाें की बेचैनी बढ़ गई है। चुनाव के समय सभी नए स्टाफ आ जाने से कई तरह की समस्या का सामना निवर्तमान पार्षदाें को करना पड़ रहा है। निवर्तमान पार्षद अर्चना पंडित का कहना है कि चुनाव आयोग के आदेश का सम्मान हाेना चाहिए। लेकिन जिनका तीन साल पूरा नहीं हुआ है। उनका स्थानांतरण वाजिब नहीं है। सफाई पर इसका प्रभाव पड़ रहा है।
सख्ती : सार्वजनिक अथवा निजी भवन पर पोस्टर व प्रचार सामग्री बैन

पैसा-पावर का नहीं चलेगा जाेर : निकाय चुनाव में दबंग-बाहुबली का भी अधिकतम 3 गाड़ियाें का काफिला हाेगा

नामांकन व चुनाव चिन्ह आवंटन के समय जुलूस निकालने पर पाबंदी
नगर निगम चुनाव में पैसा-पावर का जाेर नहीं चलेगा। प्रचार अभियान में तामझाम राेकने एवं शांतिपूर्ण चुनाव के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम को दिशा निर्देश जारी किया है। पत्र के अनुसार, दबंग व बाहुबली अभ्यर्थी चुनाव प्रचार के दाैरान मुख्य मार्गाें एवं गलियाें में गाड़ियाें का लंबा काफिला लेकर चलते हैं। खर्चीला चुनाव हाेने के साथ इससे रास्ता जाम होता है।

आमलोगों को परेशानी काे देखते हुए अभ्यर्थियाें काे अधिकतम 3 गाड़ियों का काफिला निकालने की ही अनुमति मिलेगी। अभ्यर्थी या उनके समर्थक की ओर से गेट, तोरण द्वार व कटआउट नहीं लगाया जाएगा। सार्वजनिक अथवा निजी भवन, दीवार पर नारा लिखने, अन्य प्रचार सामग्री साटने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। स्थानीय प्राधिकार से नियत स्थानों पर प्रचार को लेकर भुगतान के आधार पर होर्डिंग लगाए जा सकेंगे। नामांकन दाखिल करने, संवीक्षा और चुनाव चिन्ह मिलने के बाद जुलूस निकालने पर भी पाबंदी रहेगी।

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