नगर निकाय चुनाव की तिथि जारी हाेते ही भावी उम्मीदवाराें का अभियान तेज हाे गया है। निगम से लेकर नगर परिषद, नगर पंचायत सभी में राजनीति गरमाने लगी है। लेकिन, सबकी नजरें मेयर एवं डिप्टी मेयर के चुनाव पर टिकी हैं।
मेयर पद के लिए आधा दर्जन से अधिक भावी उम्मीदवाराें ने दावेदारी करते हुए प्रचार भी शुरू कर दिया है ताे पार्टियाें से जुड़े कई नेता व निवर्तमान पार्षद दलीय स्तर पर चुनाव नहीं हाेने के बावजूद आलाकमान से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
हालांकि, मेयर पद के लिए अब तक जितने दावेदार सामने आए हैं, उनमें अधिकतर पुराने चेहरे ही हैं। राकेश कुमार पिंटू व सुरेश कुमार मेयर रहे हैं। दाेनाें फिर से दावेदारी कर रहे हैं। इसके अलावा भाजपा नेत्री निर्मला साहू, भाजपा नेता भगवान लाल महताे, वार्ड-13 की निवर्तमान पार्षद सुनीता भारती के पति रामसूरत भारती ताल ठाेंकने की तैयारी में हैं। वार्ड-21 के निवर्तमान पार्षद एवं भाजपा नेता केपी पप्पू ने कहा कि उनकी पूरी तैयारी है।
इंतजार है ताे पार्टी से हरी झंडी मिलने का। आगे भी इस पद के लिए कई भावी उम्मीदवार सामने अाएंगे। लेकिन, डिप्टी मेयर के लिए दावेदार का इंतजार है। अनारक्षित अन्य से पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हाेने के बाद पूरा चुनावी गणित ही बदल गया है। इस पद के लिए अब तक निवर्तमान डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के फिर से मैदान में आने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन अचानक पद आरक्षित हाेने से नए चेहरे सामने आएंगे।
भाजपा और महागठबंधन भी अपने समर्थित उम्मीदवार की तलाश में जुट गए
इधर, दाेनाें पदाें का चुनाव पहली बार डायरेक्ट हाेने से निगम की राजनीति में दखल रखने वाले किंग मेकर की भी प्रतिष्ठा दांव पर हाेगी। पूर्व नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, नगर विधायक विजेंद्र चाैधरी, विधान पार्षद दिनेश सिंह अपने चहेते काे निगम की बागडाेर दिलाना चाहेंगे।
इन तीनाें दिग्गजाें के इर्द-गिर्द ही निगम की राजनीति घूमती है। पूर्व में मेयर डिप्टी मेयर बनाने में भी इन तीनाें की भूमिका रही है ताे भाजपा और महागठबंधन भी अपने समर्थित उम्मीदवार की तलाश में जुट गए हैं। दरअसल, जीत-हार का सीधा असर आने वाले समय में लाेकसभा व विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा। ऐसा माना जा रहा है कि अति पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग से मेयर और डिप्टी मेयर हाेने पर इन चुनावाें का भी समीकरण बदलेगा।