दो साल पूर्व कोरोना काल में एंटीजन किट घोटाले को लेकर सकरा चर्चा में आया था। अब एक बार किडनी प्रकरण को लेकर सकरा इलाका चर्चा में हैं। एंटीजन किट मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की संलिप्तता सामने आई थी। करीब चार हजार एंटीजन किट कर्मी के ठिकाने से बरामद हुआ था। ये मामला उस समय खूब तूल पकड़ा था। अब एक बार फिर से किडनी प्रकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग की फजीहत हो रही है। दरअसल, जिस नर्सिंग होम में सुनीता का ऑपरेशन किया गया। वह अवैध रूप से पिछले चार वर्षों से चल रहा है। लेकिन, आजतक स्वास्थ्य विभाग की इसपर नजर नहीं गई। इस नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। सिर्फ एक बोर्ड लगाकर इसे नर्सिंग होम बना दिया गया था। झोला छाप डॉक्टरों को बुलाकर मरीज का इलाज किया जाता और मोटे रकम ऐंठने का धंधा किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मुकदर्शक बना रहा।
उठ रहे कई सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है की क्या इस फर्जी नर्सिंग होम के बारे में स्थानीय पुलिस को जानकारी नहीं थी या स्वास्थ्य विभाग को इसका पता नहीं था। ऐसे में तो मरीज की जान से खिलवाड़ में पूरा महकमा भी बराबर का दोषी है। अगर ये किडनी प्रकरण सामने नहीं आता तो हो सकता है इससे भी बड़ा हादसा होता। इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं है।
फर्जी तरीके से चल रहे दर्जनों नर्सिंग होम
सकरा इलाका फर्जी नर्सिंग होम के लिए जाना जाता है। इससे पहले भी कई बार जांच व कारवाई हुई है। लेकिन, ठोस कारवाई नहीं होने के कारण आज भी नर्सिंग होम धडल्ले से चल रहा है। अक्सर विभिन्न नर्सिंग होम में इलाज में लापरवाही से मरीज की मौत होने का मामला सामने आता रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ठोस कारवाई करने से कतराता रहा है। अब एक बार से सभी नर्सिंग होम का लिस्ट तैयार किया जा रहा है। जिसपर कारवाई की जाएगी। सिविल सर्जन ने कहा की जांच में जहां भी गड़बड़ी पकड़ी जायेगी। उसे बंद कर दिया जायेगा।