मुजफ्फरपुर। सकरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बरियारपुर ओपी के बाजीराउत निवासी सुनीता देवी की दोनों किडनी निकालने के मामले में शुभकांत क्लीनिक की जांच करने रविवार को एसएसपी जयंत कांत पहुंचे।
एसएसपी ने क्लीनिक के बाहरी और पीछे के हिस्से का जायजा लिया। मुख्य द्वार पर ताला बंद था, लेकिन पीछे लोहे का दरवाजा सिर्फ सटा हुआ था। इसे खोलकर पुलिस टीम अंदर गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वहां पर कोई व्यवस्था नहीं थी। झोला छाप के द्वारा इलाज व आपरेशन किया जाता था।
एसएसपी ने क्लीनिक को सील करने का आदेश दिया। साथ ही आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर विशेष टीम का गठित कर दी। टीम ने आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी शुरू कर दी है। एसएसपी के साथ सकरा थाना और बरियापुर ओपी पुलिस भी थी। एसएसपी जयंत कांत ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। क्लीनिक की पर्ची पर संचालक पवन कुमार और डा. नारायण यादव का नाम पाया गया है। सभी का पता किया जा रहा है। प्राथमिकी में जिन चिकित्सकों की चर्चा की गई है। उन सभी की खोज चल रही है। इसके लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। जल्द ही आरोपितों को दबोच लिया जाएगा।
भीतर में नर्सिंग होम जैसी कोई सुविधा नहीं
जांच के दौरान भीतर में नर्सिंग होम जैसी कोई सुविधा नहीं देखकर एसएसपी अचंभित हुए। वहां सिर्फ चौकी रखी हुई थी। इसपर ही मरीजों को सुलाकर आपेरशन से लेकर इलाज तक किया जाता था। तीन कमरों व एक बरामदे पर पांच चौकियां रखी मिलीं। एक कमरे को कार्यालय तथा एक को आपरेशन थियेटर बनाया हुआ था। केवल एक बल्ब की रोशनी में आपरेशन किया जाता था।
कई सामान जब्त, चौकीदार की तैनाती
वहां से दवाइयां, मरीजों की दवा की पर्चियां, मेडिकल उपकरण, अल्ट्रासाउंड एवं पैथोलाजी जांच की रिपोर्ट सहित अन्य सामान पुलिस ने बरामद किए। परिसर के बाहर भी मेडिकल उपकरण फेंके मिले। एसएसपी ने इन सबको जब्त करने का निर्देश दिया। आसपास के लोगों को क्लीनिक के भीतर जाने से मना कर दिया गया है। वहां तत्काल एक चौकीदार की तैनाती कर दी गई है। आगे मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति कर क्लीनिक को सील करने की कवायद पूरी की जाएगी।