मुजफ्फरपुर किडनी कांड: किडनी ट्रांसप्लांट कराने की जिम्मेदारी से बच रहे अधिकारी, सिविल सर्जन बोले-अभी एसकेएमसीएच अधीक्षक का नहीं आया है ओपिनियन

सकरा में झाेला छाप चिकित्सक का शिकार बनी सुनीता देवी एसकेएमसीएच में जीवन-माैत से जूझ रही है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेवारी थाेप रहे हैं। सिविल सर्जन एसकेएमसीएच अधीक्षक का ओपिनियन नहीं आने की बात बोल रहे हैं। जबकि, पीड़िता काे समुचित इलाज नहीं मिलने से उसकी स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। हालांकि, अधीक्षक का कहना है कि बुधवार काे पीड़िता की डायलिसिस कराई जाएगी। इसके बाद उसे कहां रेफर किया जाए, इस पर निर्णय लिया जाएगा।

 

इधर, डीएम प्रणव कुमार ने पूरे मामले की रिपाेर्ट सिविल सर्जन से मांगी है। सीएस का कहना है कि अधीक्षक का ओपिनियन अभी नहीं आया है। ओपिनियन आने के बाद डीएम और राज्य मुख्यालय काे भेज दी जाएगी। इधर, पीड़िता के भतीजे सुशील कुमार ने कहा कि क्रिएटिनिन घटकर खतरनाक स्तर पर आ गया है। इससे हालत लगातार बिगड़ती ही जा रही है।

 

किडनी ट्रांसप्लांट को पीड़िता का बनाया आयुष्मान कार्ड

इधर, पीड़िता की किडनी ट्रांसप्लांट कराने के लिए मंगलवार काे आयुष्मान कार्ड बनाया गया। इसके अलावा मुआवजे के रूप में तीन लाख देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एसीएमओ ने बताया कि आयुष्मान कार्ड व मुआवजे के रूप में मिले 8 लाख रुपए से पीड़िता का ट्रांसप्लांट और इलाज कराया जाएगा। लेकिन कहां और कब हाेगा, इसका निर्णय नहीं हाे सका है।

 

सकरा में तीन अवैध नर्सिंग हाेम पर आज दर्ज हाेगी एफआईआर

 

सकरा में झाेला छाप चिकित्सक द्वारा बरियारपुर की सुनीता देवी की किडनी निकालने की बात सामने आने पर मंगलवार काे स्वास्थ्य विभाग की ओर से एसीएमओ डाॅ. एसपी सिंह के नेतृत्व में गठित चार सदस्यीय टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया। टीम ने उस नर्सिंग हाेम का भी जायजा लिया, जहां झाेला छाप चिकित्सक ने पीड़िता का ऑपरेशन किया था। इसके बाद आसपास में अवैध रूप से संचालित हाे रहे तीन नर्सिंग हाेम काे चिह्नित करते हुए सबहा चाैक स्थित संगम आरोग्य सहारा, मां वैष्णवी सेवा सदन और निशा क्लीनिक के संचालक पर एफआईआर कर सील करने का निर्देश दिया।

 

टीम ने डॉक्टर से मिल जाना मरीज का हाल

 

घटनास्थल का जायजा लेने के बाद टीम एसकेएमसीएच पहुंची। वहां सुनीता देवी की हालत का जायजा लिया। वहीं इलाज कर रहे चिकित्सक से स्थिति की जानकारी ली। इसमें यह तय हुआ कि एंटीबायाेटिक का कम से कम प्रयाेग किया जाए। टीम ने प्री ऑपरेटिव और पाेस्ट ऑपरेटिव का जायजा। जांच टीम में डाॅ. एसपी सिंह, डाॅ. एसके चाैधरी, डाॅ. प्रेरणा सिंह और डाॅ. कादिर शामिल थे।

 

डीएम का निर्देश- अब जिला प्रशासन भी आरोपी डॉक्टर पर कराएगा प्राथमिकी

 

सकरा में बरियारपुर की सुनीता देवी की दाेनाें किडनी निकालने वाले चिकित्सक और अस्पताल पर जिला प्रशासन भी एफआईआर दर्ज कराएगा। पीड़िता के परिजन पहले ही मामले में एफआईआर करा चुके हैं। डीएम प्रणव कुमार ने बताया कि घटना पर जिला प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है। सीएस और एसकेएमसीएच अधीक्षक काे पीड़िता का बेहतर से बेहतर इलाज का निर्देश दिया गया है। डीएम ने कहा कि जाे भी आरोपी हैं, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

अवैध अस्पतालाें और जांच घराें पर विभाग की ओर से क्या कार्रवाई की गई, इसका वे रिव्यू करेंगे। कहा कि पीड़िता के किडनी ट्रांसप्लांट समेत अन्य उच्चतर इलाज के लिए सरकार से भी बात की जा रही है। इधर, पीड़िता के इलाज और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए अधीक्षक और डाॅ. आरोही काे अधिकृत किया गया है। दाेनाें मिलकर मुख्यालय से बात करेंगे। मुख्यालय के निर्देश पर आईजीआईएमएस या एम्स रेफर किया जाएगा।

 

अवैध नर्सिंग हाेम पर कार्रवाई को कहा

 

इधर, जिले में अनाधिकृत रूप से सैकड़ों की संख्या में संचालित अवैध नर्सिंग हाेम, जांच सेंटर व अल्ट्रासाउंड केंद्राें की जांच कर कार्रवाई के लिए सिविल सर्जन ने सभी पीएचसी प्रभारियाें काे जिम्मेवारी साैंपी है। सीएस ने कहा है कि अपने क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे केंद्राें काे चिह्नित कर उस पर कार्रवाई करें।

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