आम जनता के जान माल की बेहतरी एवं साइबर अपराध के रोक-धाम को लेकर एसपी कुमार आशीष ने विशेष-दिशा निर्देश जारी किये है।मुजफ्फरपुर रेल पुलिस कप्तान कुमार आशीष ने कहा की साइबर और वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए सभी को दक्ष होना होगा।तकनीक के साथ साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है।
मोबाइल फोन के एसएमएस से लेकर हर कॉल तक पर साइबर अपराधियों की नजर है।एटीएम से निकाले जाने वाली रकम और बैंकों से होने वाले ट्रांजैक्शन तक भी साइबर अपराधी पहुंच चुके हैं।इनसे बचने का एकमात्र विकल्प सावधानी और जागरूकता है।
साइबर क्रिमनल एटीएम या क्रेडिट कार्ड का वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) हासिल कर चपत लगा रहे हैं। वेलकम किट से चेक की क्लोनिंग बैंकों में खाता खोलने के बाद दी जाने वाली वेलकम किट को भी साइबर अपराधी हथियार बना रहे हैं।वेलकम किट में दिए गए चेक बुक पर अकाउंट नंबर नहीं लिखा होता है।ऐसे में चेक की संख्या को खुरचकर विशेष सॉफ्टवेयर के जरिए क्लोन तैयार कर लेते हैं।इसके बाद कस्टमर से किसी ने किसी बहाने चेक के बारे में जानकारी हासिल कर क्लोन चेक से रकम पार कर देते हैं। वेबसाइट पर लिंक भेजकर सरकारी विभागों में नौकरी का विज्ञापन देखते ही साइबर अपराधी वैसी ही फेक वेबसाइट तैयार कर लिंक के जरिए बेरोजगारों से रकम जमा करा रहे हैं।महज दस हजार रुपये और छह से सात घंटे में में फेक वेबसाइट तैयार हो जाती है। इसके बाद लिंक में दिए गए अकाउंट नंबर में रकम जमा कर जालसाज चंपत हो जाते हैं।इतना ही नहीं नौकरी के नाम पर ठगी के लिए ट्विटर,फेसबुक,वाट्सएप का भी इस्तेमाल हो रहा है।रेल एसपी कुमार आशीष ने बताया की साइबर क्रिमिनल कम ब्याज पर लोन का झांसा देकर भी खेल खेलते है इन सबो से बचने के लिए जरुरी सावधानी अति आवश्यक है।
पूरी जानकारी एवं पर्याप्त सतर्कता के अभाव मे अक्सर लोग इंटरनेट एवं ऑनलाइन ठगी के शिकार हो जाते है।आमजनों की गाढ़ी मेहनत की कमाई यूं व्यर्थ जाया न हो तथा ऐसी अप्रिय स्थिति का सामना ना करना पड़े, इसके लिए क्या करे….क्या ना करे….
क्या करें
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एटीएम का इस्तेमाल करने से पहले आप यह देख लें कि इंसर्शन पैनेल पर किसी प्रकार की दूसरी वस्तु न रखी हो (स्किमिंग से बचने के लिए)।
ट्रांजैक्शन के समय एटीएम पिन नम्बर को हथेली से छुपा दें। ट्रांजैक्शन रसीद न छोड़ें।
कृपया अपने एटीएम पिन को हर तीन महीने पर बदल दें। यह बैंक द्वारा दी गई सलाह है।
क्रेडिट कार्ड रसीद को सुरक्षित रखें ताकि ट्रांजैक्शन की जालसाजी का पता लगा सकें।अपने रसीदों को मासिक विवरण से मिलान कर लें।
केवल ऐसे ही क्रेडिट कार्ड को साथ में रखें जिनकी आपको काफी आवश्यकता हो।
ऐसे कागज (बिल) जिन पर आपके क्रेडिट कार्ड का नम्बर दर्ज हो बारीक टुकड़ों में फाड़ दें।
अपने घर को बदलने से पहले ही अपने कार्ड निर्गतकर्ता को पता बदलने की सूचना दे दें।
यदि आप अपना क्रेडिट कार्ड खो देते हैं,तो कृपया उसकी सूचना तुरंत दें।
यदि आप नवीनीकरण/अपग्रेडेशन के समय कार्ड को नष्ट करें तो उसे फेंकने के पहले सदैव उसे एक कोने से दूसरे तक पूरी तरह से काट/तोड़ दें।
ऐसा न करें
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बैंक से भेजा गया कार्ड यदि क्षतिग्रस्त हो या सील खुली होने की स्थिति में आए तो उसे स्वीकार न करें।
अपने क्रेडिट कार्ड पर पिन नम्बर न लिखें।
जिन क्रेडिट कार्ड का आप कम इस्तेमाल करते हैं उन्हें अपने साथ न रखें।
अपना क्रेडिट कार्ड नम्बर/एटीएम पिन किसी को न बताएं।
अपना कार्ड किसी को न दें,भले ही वह अपना पहचान बैंक का कर्मचारी की क्यों ना बताएं।
किसी अजनबी द्वारा एटीएम मशीन में आपको मदद करने की पेशकश के बहकावे में आने से बचें।
किसी अज्ञात/अवैध स्रोत के साथ आप अपने खाते के विवरण को साझा न करें।
किसी अनपेक्षित स्रोत से आए अजनबी ई-मेल एटेचमेंट को न खोलें या इन्स्टेंट मेसेज डाउनलोड लिंक पर क्लिक न करें।किसी भी संदेहास्पद ई-मेल को तुरंत डिलीट कर दें।
अपनी खाता संख्या की जानकारी किसी को फोन पर तब तक न दें,जब तक कि आप कॉल करके यह सुनिश्चित कर लें कि अमुक कंपनी प्रतिष्ठित है।
जब आपको कोई फोन कॉल आए और क्रेडिट कार्ड का विवरण मांगा जाए तो आप उसे कोई जानकारी न दें (इसे विशिंग कहते हैं।)।
किसी असुरक्षित वेबसाइट पर आप कभी अपने क्रेडिट कार्ड का विवरण न दें।
किसी भी ई-मेल में अपने खाते से संबंधित मांगी गई कोई भी गोपनीय सूचना जैसे कि- पासवर्ड
कस्टमर आइडी, डेबिट कार्ड नम्बर, पिन, CVV2, DOB की जानकारी कभी न दें,भले ही वह ई-मेल किसी भी सरकारी प्राधिकारों जैसे कि आयकर विभाग,आरबीआइ या वीजा या मास्टर कार्ड से जुड़ी किसी कंपनी का ही क्यों न हो।
अपने बैंक खाते से जुड़ी किसी समस्या या खाते के विवरण तथा पासवर्ड आदि किसी सोशल नेटवर्किंग साइट या ब्लॉग पर नहीं दें।
अपने मोबाइल फोन में अपने एटीएम पिन नम्बर जैसे विवरण को सुरक्षित न रखें।
सतर्क रहे सुरक्षित रहे