मुजफ्फरपुर। त्योहार पर शहर में लोगों की भीड़ को देखते हुए अपराध नियंत्रण व बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए और 60 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसमें एक दर्जन से अधिक सादे लिबास में भी जवानों को विभिन्न इलाकों में सक्रिय रखा गया है। वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा इन सभी पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया गया कि संदिग्ध गतिविधि वाले लोगों पर नजर रखें।
संदेह आने पर त्वरित पकड़कर सत्यापन करें, मगर जवान चौराहे पर तैनात होकर गप हांकने में लगे रहते हैं। वरीय अधिकारियों द्वारा इसकी मानीटङ्क्षरग नहीं की जाती है। कई जवान तो ऐसे हैं जो डयूटी के बजाय किसी दुकान पर बैठकर मोबाइल पर वीडियो देखने में लगे रहते हैं। इससे प्रतीत हो रहा कि नाम के लिए कागज पर जवानों की तैनाती कर दी गई है। नतीजा है कि हर दिन भीड़ का फायदा उठाकर बदमाशों द्वारा मोबाइल उड़ाने की घटनाएं हो रही है।
बेनीबाद ओपी प्रभारी निलंबित, राजपत को कमान
मुजफ्फरपुर : गायघाट थाना के बेनीबाद ओपी प्रभारी राजकुमार को एसएसपी जयंतकांत ने निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ कार्य में शिथिलता बरतने का आरोप है। उन्होंने हत्या के एक मामले में समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया। उनके स्थान पर नगर थाने में तैनात दरोगा राजपत कुमार को बेनीबाद ओपी प्रभारी बनाया गया है। डीएसपी पूर्वी मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि पिरौंछा गांव के शिवेंद्र सिंह हत्याकांड में समय पर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल नहीं करने पर दो आरोपितों को जमानत मिल गई। इस हत्याकांड में वरीय पदाधिकारीके पर्यवेक्षण रिपोर्ट में नाम हटने के बाद भी सोमवार एक जनप्रतिनिधि को हिरासत में लिया गया। इसको लेकर ओपी पर घंटों हंगामे की स्थिति बनी रही। वरीय पदाधिकारी के पहुंचने पर मामला शांत हुआ। इस मामले में ही उन्हें निलंबित किया गया। क्षेत्र में अपराध की घटनाएं बढ़ रहीं थीं। ओपी प्रभारी के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रहीं थीं।
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