सावधान ! त्योहारी सीजन पर लुभावने मैसेज कर रहे Bank अकाउंट को खाली, जानिए कैसे करे बचाव

त्योहारी सीजन में खरीदारी से पहले लुभावने ऑफर को जरा परख लें। ऐसा न हो कि लॉटरी, उपहार या छूट के मायाजाल में फंसकर आप अपना बैंक खाता खाली करवा बैठें। त्यारोहों के इस सीजन में साइबर अपराधी ज्यादा ही सक्रिय हैं। लुभावना ऑफर देकर ठगी का शिकार बनाने की फिराक में लगे साइबर अपराधी इसके लिए सोशल मीडिया से लेकर एसएमएस और फोन कॉल तक पर सक्रिय हैं।




ईओयू की टीम सक्रिय
साइबर अपराधियों के मंसूबे की भनक लगने के बाद आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) न सिर्फ सचेत है बल्कि उसने एक विशेष टीम भी बनाई है, जो इसपर नजर रख रही है। ईओयू के मुताबिक साइबर अपराधी त्योहारों के मौसम में ज्यादा सक्रिय हैं। एसएमएस, फोन कॉल, ई-मेल और सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़े को लेकर लुभावना संदेश भेजा जाता है। एसएमएस भेजकर सामान की खरीदारी पर भारी छूट, उपहार, लॉटरी आदि का प्रलोभन दिया जाता है। इसमें किसी ई-कॉमर्स या शॉपिंग वेबसाइट का लिंक अटैच होता है। ज्योंहि कोई व्यक्ति उक्त लिंक पर क्लिक करता है वह फिशिंग का शिकार हो जाता है।

ऐसे बरतें सावधानी
“साइबर अपराधी तरह-तरह के लुभावने ऑफर देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने की फिराक में रहते हैं। बगैर सत्यापन के किसी भी अनजाने लिंक पर क्लिक न करें। आधिकारिक वेबसाइट पर ही किसी तरह की खरीदारी या लेनदेन करें।”  -एनएच खान, एडीजी, ईओयू


ई-मेल और सोशल मीडिया पर भी ठगी
एसएमएस और फोन कॉल के जरिए ही सिर्फ ठगी नहीं की जाती है। ई-मेल और सोशल मीडिया पर भी साइबर अपराधी सक्रिय हैं। ई-कॉमर्स या शॉपिंग वेबसाइट से मिलता-जुलता फर्जी साइट बनाकर किसी व्यक्ति को ई-मेल भेजा जाता है। त्योहार के नाम पर कई तरह के लुभावने ऑफर दिए जाते हैं। यदि कोई उस लिंक को क्लिक करता है तो ई-कॉमर्स या शॉपिंग वेबसाइट से मिलते-जुलते पेज पर वह पहुंच जाता है। वहां बहुत सस्ते या डिस्कांउट पर सामान की खरीदारी का झांसा देकर उसके बैंक डिटेल्स और डेबिट कार्ड की जानकारी ली जाती है और फिर साइबर अपराधी खाते से रकम गायब कर देते हैं।

कहता है ईओयू
ईओयू के मुताबिक एसएमएस, फोन कॉल या सोशल मीडिया के माध्यम से अज्ञात स्रोतों से प्राप्त संदेशों पर कभी विश्वास न करें। हमेशा इसका सत्यापन जरूर कर लें। ऐसे किसी लिंक पर क्लिक न करें जिसमें कोई असत्यापित विशेष ऑफर, लॉटरी या उपहार देने की बात कही गई हो। अपने बैंक खाता, डेबिट-क्रेडिट कार्ड आदि से जुड़ी जानकारी किसी को भी न दें। बैंक खाता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को किसी को न बताएं। ऑनलाइन खरीदारी करते समय ई-कॉमर्स या शॉपिंग वेबसाइट का सत्यापन अवश्य करें, किसी द्वारा भेजे गए असत्यापित लिंक पर कभी शॉपिंग न करें। अपने मोबाइल डिवाइस में कभी भी एनीडेस्क/टीम व्यूवर जैसे एप इंस्टॉल न करें।


लॉलीपॉप
● लॉटरी में इनाम मिलने से लेकर बंपर प्राइज व छूट तक का मिल रहा झांसा
● त्योहारी सीजन में साइबर ठग चंगुल में फंसाने के लिए दे रहे तरह-तरह के ऑफर


कार बिक्री का ऑनलाइन विज्ञापन दे ठगने वाले दो धराये
कार बिक्री का ऑनलाइन विज्ञापन देकर ठगी करने वाले यूपी और झारखंड के दो लोगों को शास्त्रत्त्ीनगर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गये आरोपितों में यूपी के बलिया के बांसडीह थानांतर्गत हुसैनाबाद का मुकेश कुमार दुबे और झारखंड के डोभी का रौनक कुमार चौबे शामिल है। रौनक मुख्य आरोपित मुकेश का चालक है। दोनों के पास से एक बुलेट, गाड़ी, अलग-अलग बैंकों के दस से 12 पासबुक, तीन मोबाइल व अन्य सामान बरामद किये गये हैं। पीड़ित के कुछ पैसों को (जिसे आरोपित ने चेक के माध्यक से निकाला था) पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस के मुताबिक मुकेश खुद को दांत का डॉक्टर बताता था। वह अपनी लोन पर ली गयी स्विफ्ट गाड़ी की बिक्री का मैसेज डालकर लोगों से चेक या पैसे एकाउंट में ट्रांसफर करवा लेता था। पूर्व में मुकेश समनपुरा स्थित अपार्टमेंट में रहता था। इसी दौरान उसने आरिफ हसनैन के साथ ठगी की थी। मुकेश ने आरिफ को अपनी कार बेचने का हवाला देकर चार लाख 51 हजार रुपये का चेक ले लिया। इसके बाद एचडीएफसी बैंक के खाते में चेक जमा कर उसे तुरंत भंजा लिया। शक होने पर जब आरिफ ने अपने कार या पैसे की मांग की तो मुकेश समनपुरा छोड़कर भाग निकला। पीड़ित ने शास्त्रत्त्ीनगर थाने में बीते एक नवंबर को केस दर्ज करवाया। मुख्य आरोपित मुकेश ने आधार कार्ड और पैनकार्ड को अलग-अलग नाम-पता पर बनवा रखा था।

INPUT:JNN

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