मुजफ्फरपुर| नगर निगम शहर के आवारा कुत्तों की नसबंदी करेगा। इसके लिए करीब एक करोड़ रुपए खर्च होंगे। नसबंदी के लिए एजेंसी की तलाश की जाएगी। इसको लेकर निगम के स्तर से एक सप्ताह के अंदर टेंडर निकाला जाएगा।
फिलहाल, शहर में छह हजार से अधिक आवारा कुत्तों के होने का अनुमान है।
पशु कल्याण बोर्ड की ओर से एक कुत्ते की नसबंदी के लिए 1650 रुपए सरकारी दर निर्धारित है। इसके अलावा कुत्तों को जिस इलाके से उठाया जाएगा, वहां पहुंचाने के लिए अलग से प्रति कुत्ता 200 रुपए दिए जाएंगे।
नसबंदी के साथ ही एंटी रैबीज इंजेक्शन भी दिया जाएगा ताकि कुत्तों के काटने पर किसी को कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़े। बीते 31 जनवरी को निगम बोर्ड की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पास हुआ था। नसबंदी अभियान के जरिए कुत्तों की संख्या को नियंत्रित किया जाएगा। इसमें छह-सात वर्षों का समय लगेगा।
कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला था एंजल को
आवारा कुत्तों के आतंक से शहरवासी भयभीत रहते हैं। 28 अगस्त 2022 को मिठनपुरा में आवारा कुत्तों के झुंड ने मां के सामने ही तीन वर्षीया बच्ची एंजल को नोच-नोच कर मार डाला था। बचाने के क्रम में बच्ची की मां भी लहूलुहान हो गई थी।
विशेषकर रात में शहर की सड़कों व चौक-चौराहों पर आवारा कुत्तों के झुंड का जमावड़ा रहता है। कुत्तों के खदेड़ने या टकराने से कई बार बाइक व अन्य वाहन सवार हादसे का शिकार हो जाते हैं। जानकारों के मुताबिक, नसबंदी के बाद खूंखार कुत्तों का व्यवहार सामान्य हो जाता है।
बाहर से बुलानी पर सकती है एजेंसी
आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए बाहर की एजेंसी बुलाई जा सकती है। राज्य में ऐसी कोई एजेंसी नहीं है जो इस काम को कर सके या उसके पास पहले से अनुभव हो। मुबंई, दिल्ली व अन्य महानगरों में कुत्तों की नसबंदी का अभियान पहले से चलाया जा रहा है। इसलिए इन जगहों की एजेंसी की सेवा लेनी पड़ सकती है।
आवारा कुत्तों की नसबंदी के लिए एजेंसी का चयन किया जाएगा। इसको लेकर जल्द ही टेंडर निकाला जाएगा।
– नवीन कुमार, नगर आयुक्त
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