मुजफ्फरपुर। पिछले पांच माह में उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब पीने से मौत की एक और पश्चिम चंपारण में दो बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें 31 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक दर्जन लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है। इन घटनाओं के बाद भी जिला प्रशासन और पुलिस ने गंभीर सबक नहीं लिया। जांच की खानापूरी और जागरूकता के नाम पर कुछ दिनों तक अभियान चलाकर औपचारिकता पूरी कर ली गई।
जुलाई से नवंबर के बीच पश्चिम चंपारण में 24 लोगों की मौत
जुलाई से नवंबर के बीच पश्चिम चंपारण में जहरीली शराब से 24 लोगों की मौत हो चुकी है। चार से पांच नवंबर के बीच 16 लोगों की मौत से पहले 14 जुलाई को भी यहां बड़ी घटना हुई थी। लौरिया और रामनगर प्रखंड में 24 घंटे में आठ लोगों की मौत हो गई थी। चार लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी। जांच के बाद 16 जुलाई को अधिकारियों ने पुष्टि की कि सभी की मौत जहरीली शराब से हुई है।
घटना के बाद पुलिस ने लौरिया के तत्कालीन थानाध्यक्ष व चौकीदार को निलंबित कर दिया था। इलाके में छापेमारी की गई। धंधेबाज समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। फिलहाल सभी आरोपित जेल में हैं। शराब की आपूर्ति करने वाला मुख्य धंधेबाज भी जेल में है।
सैंपल जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कागजी कार्रवाई में लगता समय
मुजफ्फरपुर में इस अंतराल में तीन जगह घटनाएं हुईं। सरैया प्रखंड के रुपौली, सिउरीयेमा व विश्वंबरपुर में 28 से 30 अक्टूबर के बीच कथित रूप से जहरीली शराब से सात लोगों की मौत हो गई थी। डीएम व एसएसपी की प्रारंभिक संयुक्त जांच रिपोर्ट में कथित जहरीली शराब का उल्लेख किया गया है। मगर, अधिकारियों का कहना है कि एफएसएल जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
हालांकि, ग्रामीण व स्वजन शराब पीने से ही मौत की बात कहते हैं। घटना के बाद सरैया में तीन अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं। अब तक 11 आरोपितों को जेल भेजा गया है। घटना के बाद प्रशासन की तरफ से ग्रामीण स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। पुलिस व उत्पाद विभाग की संयुक्त टीम छापेमारी कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन मामलों में जांच की प्रक्रिया कई स्तर पर होती है। सैंपल जांच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और कागजी कार्रवाई में समय लगता है। इसमें तकरीबन एक से दो महीने लग जाते हैं।
INPUT: JNN