पटना। बिहार में शराबबंदी लागू हुए करीब साढ़े पांच साल हो गए। इस बीच जहरीली शराब से मौत के इक्का-दुक्का मामले बीच-बीच में आते रहे, मगर यह पहली बार है, जब महज दस दिनों में करीब 40 लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस और मद्य निषेध अधिकारियों की मानें तो पंचायत चुनाव और त्योहारों का एक साथ होना इसकी सबसे बड़ी वजह है। इस दौरान अवैध शराब की मांग बढ़ गई। जब पुलिस-प्रशासन ने दूसरे राज्यों से आने वाले विदेशी शराब पर सख्ती की तो शराब के धंधेबाज गांव-कस्बों में ही स्प्रिट से अवैध शराब बनाने लगे। आशंका है कि स्थानीय स्तर पर स्प्रिट से बनी जहरीली शराब के कारण ही अलग-अलग जिलों में मौतें हो रही हैं। पुलिस-प्रशासन को भी इसकी आशंका थी तभी इसको लेकर पुलिस और उत्पाद विभाग की टीम को अलर्ट भी किया गया था। पिछले 10 दिनों में शराब की कई बड़ी खेप भी पकड़ी गई मगर फिर भी यह प्रयास नाकाफी ही साबित हुए।
सीमावर्ती जिले शराब का सबसे बड़ा अड्डा : बिहार में अवैध शराब की सबसे अधिक तस्करी झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बंगाल से होती है। अगर मौत के आंकड़ों को गौर से देखें तो पाएंगे कि इसमें सबसे अधिक सीमावर्ती जिलों के ही लोग शामिल हैं। गोपालगंज, सिवान, पश्चिमी चंपारण, नवादा जैसे जिलों में आसानी से यूपी और झारखंड की बनी शराब पहुंच जाती है। इसके लिए सीमा पर चेकपोस्ट तो हैं, मगर गाडिय़ों की संख्या इतनी अधिक है कि रैंडम जांच ही हो जाती है, जिसका फायदा तस्कर उठाते हैं।
सिर्फ इस साल 75 लोगों की मौत : इस साल राज्य में जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सिर्फ इस साल नवंबर तक एक दर्जन से अधिक घटनाओं में करीब 75 लोगों की जान जहरीली शराब से होने की आशंका है। इसमें आधी से अधिक मौतें दीवाली के आसपास हुई हैं। इस साल होली के समय मार्च में जहरीली शराब से मौत की बड़ी घटना हुई थी। उस समय नवादा में अलग-अलग जगहों पर करीब 15 लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई थी। पश्चिमी चंपारण के लौरिया और रामनगर प्रखंड में भी आठ लोगों की मौत शराब से हो गई थी। इसके बाद अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में मुजफ्फरपुर में सात और सिवान में जहरीली शराब से चार लोगों की मौत हुई थी। दीवाली से लेकर अब तक गोपालगंज और बेतिया में करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है। शनिवार को समस्तीपुर में भी जहरीली शराब से चार लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा वैशाली, कैमूर और मुजफ्फरपुर में भी इस साल जहरीली शराब से मौत के मामले सामने आए हैं।
तीन लाख गिरफ्तारी, 700 कर्मी व अफसर निलंबित : राज्य में अप्रैल, 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गई है। इसके बाद से लगातार अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। आंकड़ों की बात करें तो अभी तक 187 लाख लीटर से अधिक शराब जब्त की गई है। करीब तीन लाख से अधिक लोग शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने में गिरफ्तार किए गए हैं। इस दौरान 60 हजार से अधिक वाहनों को जब्त किया गया है, जबकि कर्तव्यहीनता के आरोप में 700 से अधिक पुलिस व उत्पाद कर्मी बर्खास्त किए गए हैं।
अक्टूबर में कार्रवाई
1.80 लाख लीटर शराब पकड़ी उत्पाद विभाग ने
9674 छापेमारी एक माह में, 1171 मामले दर्ज
682 शराब तस्कर गिरफ्तार कर भेजे गए जेल
304 वाहन जब्त, 105 ट्रक व चारपहिया वाहन
दस दिनों में शराब की बड़ी जब्ती
4428 लीटर हरियाणा की शराब पकड़ी गई मोतिहारी के सुगौली से
2703 लीटर हरियाणा की शराब पकड़ी गई मुजफ्फरपुर के सकरा से
2082 लीटर अंग्रेजी शराब पकड़ी गई अररिया के फारबिसगंज से
8,809 लीटर हरियाणा की शराब पकड़ी गई पटना के गर्दनीबाग से
2661 लीटर राजस्थान की बनी व्हिसकी पकड़ी गई दरभंगा मब्बी से
2241 लीटर अरुणाचल की शराब पकड़ी गई कटिहार के सनहौली बाजार से
INPUT: JNN