देश के लाखों युवाओं का सपना IAS अफसर बनना होता है. इसके लिए बड़ी तादाद में युवा हर साल संघ लोग सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा भी देते हैं, लेकिन बहुत कम ही इसे पास कर पाते हैं.
यूपीएससी क्लियर करने के बाद क्या एक झटके में जिंदगी बदल जाती है? इसे पास करने वाले कितने संघर्ष के बाद ये मुकाम हासिल कर पाते हैं? इसी तरह के सवालों के जवाब IAS अफसर अस्वथी. एस ने दिए हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान ये भी बताया कि रिजल्ट वाले दिन वह कैसा महसूस कर रही थीं. अभी वह मांड्या की डिप्टी कमिश्नर के तौर पर काम कर रही हैं.
उन्होंने बताया, ‘मुझे याद है, मैंने रिजल्ट आते ही सबसे पहले क्या किया था. मैंने जमीन पर घुटने टेक दिए और भगवान को शुक्रिया कहने लगी. मेरे माता-पिता भी बहुत खुश हुए. हमें तब ढेर सारे फोन कॉल आने लगे. अगले दो दिन तक मोबाइल फोन, लैंडलाइन फोन बजते रहे. वो बेशक एक यादगार दिन था. मैं आज भी उन सबकी आभारी हूं, जिन्होंने मेरी मदद की और जो मेरी 2-3 साल की यात्रा में मेरे साथ खड़े रहे.’
अस्वथी. एस ने आगे बताया, ‘ये बहुत मुश्किल चीज है, जब आप सिविल सर्विस परीक्षा देते हो और पहले प्रयास में पास नहीं कर पाते, तो आपको दोबारा परीक्षा देने के लिए पूरे साल इंतजार करना पड़ता है. और जब आप दूसरी बार, तीसरी बार, चौथी बार प्रयास कर रहे होते हैं, तो ये काफी थका देता है.
और क्या होता है, पहले साल में आपमें उत्साह होता है. बहुत सारे लोग आपको प्रोत्साहित करते हैं. लेकिन जब आप पहली और दूसरी बार में सफल नहीं हो पाते, तो यही लोग एक-एक करके बोलने लगते हैं कि तुम दूसरे विकल्प क्यों नहीं देख लेते.’
तीसरे प्रयास में पास की परीक्षा
अस्वथी. एस ने कहा, ‘एक महिला को कहा जाता है कि तुम शादी क्यों नहीं कर लेतीं. दूसरे कोर्स और दूसरी नौकरी क्यों नहीं देख लेतीं. जब कोई पहले साल, दूसरे साल और फिर तीसरे साल इन सबसे गुजरता है, तो ये थोड़ा निराशाजनक हो जाता है.
मैं उन सभी की आभारी हूं, जो तैयारी के उन 3 साल तक मेरे साथ खड़े रहे.’ अस्वथी. एस ने ये परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की थी. पहले प्रयास में उन्होंने प्रीलिम्स पास किया लेकिन मेन्स नहीं हुआ. दूसरे प्रयास में प्रीलिम्स तक क्लियर नहीं हो पाया था. हालांकि तीसरे प्रयास में उन्होंने तीनों (प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू) को पास कर लिया.
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