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BPSC 31st Judicial Service के जारी रिजल्ट में टॉप-10 की सूचि में मधेपुरा की पायल मिश्रा ने पांचवा स्थान हासिल किया। ये जिले के लिए गर्व की बात है, तो वहीं माता-पिता ने बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर की है।

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पायल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने अभिवावकों को दिया है। उन्होंने कहा कि इस सफलता का पूरा क्रेडिट मेरे पिता प्रफुल्ल कुमार मिश्रा और मां किरण मिश्रा को जाता है। उन्होंने मेरा हमेशा सपोर्ट किया है।

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रांची के नेशनल ला यूनिवर्सिटी से 2020 में बीए एलएलबी करने वाली पायल मिश्रा, शुरू से मेधावी छात्रा रही हैं। एनएलयू में गोल्ड मेडलिस्ट पायल ने बताया कि उन्होंने अपने पहले प्रयास में ये सफलता हासिल की।

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वो बताती हैं कि ये मेरा किसी भी न्यायिक परीक्षा का पहला प्रयास रहा, जिसके लिए पूरी तरह सेल्फ स्टडी की। ‘सफलता के लिए मेहनत और निरंतरता’, इसे अपना मूल मंत्र बनाया। इसके साथ ही आगे बढ़ी।

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कितने घंटे पढ़ाई?
इस सवाल पर पायल ने बताया कि हर रोज निरंतर पढ़ाई की, कभी-कभी समय का पता नहीं चला। न्यूनतम आठ घंटे और अधिकतम 12 घंटे पढ़ाई हो जाती रही। हां सबसे खास बात, विषय का चयन और जो पढ़ा जा चुका, उसका अभ्यास मुझे हमेशा जरूरी लगा।

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इंटरनेट मीडिया से बनाई दूरी
पायल ने बताया कि सेल्फ स्टडी के दौरान उन्होंने खुद के बनाए नोट्स, पुरानी परीक्षाओं और तमाम पठन सामग्री के माध्यम से पढ़ाई की।
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इस दौरान इंटरनेट मीडिया से दूरी भी बनाई क्योंकि मुझे लगता है कि ये सभी ध्यान भटकाते हैं। सोशल मीडिया एप तक को फोन से हटा दिया।
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क्या बोले माता-पिता?
ऊषा मार्टिन लिमटेड में डिप्टी मैनेजर के पद पर पदास्थापित प्रफुल्ल कुमार मिश्रा ने बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पायल शुरू से पढ़ने में मेधावी रही हैं।
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हमारे लिए ये ऐसी खुशी है, जिसका कोई मोल नहीं। वहीं मां किरण मिश्रा ने बेटी की सफलता पर उन्हें मिठाई खिलाते हुए खुशी जाहिर की।
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