Red Zone में पहुंचा Muzaffarpur का AQI, बुजुर्गों को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत

मुजफ्फरपुर। दीपावली के बाद शहर के वायु प्रदूषण का ग्राफ सबसे उच्चतम स्तर पर रहा। पांच नवंबर को प्रदूषण का ग्राफ 334 एक्यूआइ पर रहा। यह सोमवार को 358 पर पहुंच गया। अचानक इसके बढऩे से सांस संबंधी परेशानी के मरीज अस्पताल आने लगे हैं। शहर का वायु प्रदूषण रेडजोन में चल रहा है।




ब्रह्मïपुरा, मिठनपुरा, सिकन्दरपुर, माड़ीपुर, बैरिया इलाके में सड़क में सुबह में कई जगहों पर राख दिखाई दी। बैरिया चौक पर टहलने निकले रमेश कुमार ने बताया कि दो दिन से सुबह में जगह-जगह राख दिखाई देती है। सांस लेने में परेशानी हो रही है। इस तरह की बातें सिकन्दरपुर स्टेडियम में टहलने को पहुंचे राम भरोस मंडल व सबिता सिन्हा ने भी कहीं।


दूसरे दिन पटना व गया से रहा आगे
रविवार की तरह सोमवार को भी पटना व गया से ऊपर मुजफ्फरपुर शहर का ग्राफ रहा। सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रविवार को पटना का एक्यूआइ 311, गया का 78 और मुजफ्फरपुर का एक्यूआइ 329 पर पहुंचा। उसी तरह मंगलवार को पटना का एक्यूआइ 335, गया का 137 व मुजफ्फरपुर का 358 एक्यूआइ पर प्रदूषण ग्राफ पहुंचा। कुल मिलाकर दो दिन में तीनों शहर का प्रदूषण ग्राफ बढ़ रहा है, लेकिन मुजफ्फरपुर का प्रतिशत ज्यादा है। मेडिसिन विशेषज्ञ डा.एके दास ने बताया कि इधर उनके क्लीनिक पर सांस लेने में तकलीफ की शिकायत लेकर लोग आ रहे हैं। उन्होंने जगह-जगह कचरा नहीं जलाने व मास्क का उपयोग करने की सलाह दी है।


प्रदूषण के ये बन रहे कारण
सीड संस्था की परियोजना निदेशक अंकिता ज्योति ने बताया कि जाड़े के मौसम में जब तापमान और हवा की गति कम होती है तब प्रदूषित धूलकण/ पर्टिकुलेट मैटर बढ़ते हैं। वायु प्रदूषण के नियंत्रण के उपायों का सख्ती से अनुपालन कराने की जरूरत है। इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स के सचिव पर्यावरणविद नरेन्द्र कुमार झा ने बताया कि प्रदूषण के लिए आतिशबाजी और शहर में जगह-जगह लग रहा जाम भी मुख्य कारण है। जाम में वाहन बंद नहीं होते और लगातार धुआं निकलता रहता है। इससे प्रदूषण बढ़ता है। साथ ही सड़क पर उडऩे वाले धूलकण व इधर-उधर सफाई के बाद लोग कचरा जला रहे हैैं। यह भी प्रदूषण का ग्राफ बढ़ाने में सहायक हो रहा है। इस पर नियंत्रण की जरूरत है। पीएम 2.5 की मात्रा हवा में अचानक बढ़ गई है। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।


छह दिनों में वायु प्रदूषण की स्थिति

तिथि—-मानक
तीन नवंबर—244 एक्यूआइ
चार नवंबर—285 एक्यूआइ
पांच नवंबर—306 एक्यूआइ
छह नवंबर–303 एक्यूआइ
सात नवंबर–321 एक्यूआइ
आठ नवंबर–358 एक्यूआइ

INPUT: JNN

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