बिहार के तकरीबन हर हिस्सों में ट्रेन की पहुंच होने के चलते यहां के लोगों को कहीं आने जाने का सबसे बेहतर और आसान तरीका है। परंतु बिहार में सर्वप्रथम रेलवे की शुरुआत मुगलसराय से हावड़ा के बीच ट्रैक बिछाए जाने से हुई थी।
यह ट्रैक पटना, किउल तथा झाझा होते हुए हावड़ा तक बिछी थी। क्या आपको मालूम है कि उस समय बिहार का सबसे प्रमुख स्टेशन पटना जंक्शन नहीं हुआ करता था।
वहीं साल 1867 में फतुहा से दानापुर तक रेलवे लाइन का दोहरिकरण हुआ था। कभी बांकीपुर और बेगमपुर के नाम से पटना साहिब स्टेशन जाना जाता था। बाद में पटना गया रेलवे लाइन बना तब जाकर साल 1939 में पटना जंक्शन का निर्माण हुआ और पुराने स्टेशन का नाम चेंज कर पटना सिटी रख दिया गया।
बता दें कि पटना सिटी स्टेशन का नाम सिख धर्म के दसवें गुरु की जन्मस्थली होने के चलते पटना साहिब रख दिया गया। लगभग चार दशक पूर्व उस समय के रेल मंत्री सरदार बूटा सिंह ने इस स्टेशन का नाम चेंज कर पटना साहिब रख दिया था। गुरुद्वारा जैसा ही इस स्टेशन का बाहरी गुंबद बना है।
पटना साहिब रेलवे स्टेशन वर्तमान में दानापुर रेल मंडल के अधीन है। यह स्टेशन पटना के छह प्रमुख स्टेशन में से है। यह रेलवे स्टेशन दिल्ली से हावड़ा मार्ग को मुख्य रूट से जोड़ता है। इस स्टेशन से रोजाना तकरीबन 50 हजार पैसेंजर्स यात्रा करते हैं। यहां रोजाना तकरीबन 125 ट्रेनों को स्टॉपेज होता है।