एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने वंदे भारत एक्सप्रेस चलाकर एक नया इतिहास रच दिया है. सुरेखा यादव ने सोमवार (13 मार्च) को सोलापुर-सीएसएमटी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाई और इसके साथ ही वो वंदे भारत एक्स्प्रेस चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट भी बन गई हैं. सुरेखा यादव के सिर न केवल देश की बल्कि एशिया की पहली महिला लोको पायलट का खिताब है.
कौन हैं सुरेखा यादव?
महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव 1988 में भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं और उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है.
जानकारी के मुताबिक, अप्रैल 2000 में तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार चार महानगरीय शहरों में लेडीज स्पेशल लोकल ट्रेन शुरू की थी, जिनके चालक दल में सुरेखा यादव भी थी. इसके अलावा उनके करियर में एक महत्वपूर्ण घटना 8 मार्च 2011 को हुई, जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सुरेखा ने डेक्कन क्वीन नाम की रेलगाड़ी को पुणे से सीएसटी मुंबई तक ले गईं.
रेलवे मंत्री ने की सराहना
सुरेखा की इस उपलब्धि की जानकारी रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्विटर पर साझा की. उन्होंने सुरेखा की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट श्रीमती सुरेखा यादव.’
5 मिनट पहले पहुंची ट्रेन
वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने पर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर सुरेखा यादव का अभिनंदन किया गया. ये ट्रेन सही समय पर सोलापुर से चली और समय से 5 मिनट पहले सीएसएमटी पहुंच गई. ट्रेन चलाने के साथ-साथ चालक दल सीखने की प्रक्रिया में सिग्नल का पालन करना, नए उपकरणों पर हाथ आजमाना, अन्य चालक दल के सदस्यों के साथ समन्वय, ट्रेन चलाने के लिए सभी मापदंडों का पालन करना शामिल है.