भोजपुरी फ़िल्म में डेब्यू करने के लिए तैयार हैं अरविंद अकेला ‘कल्लू’ की पत्नी, हाल ही में हुई हैं शादी…..



भोजपुरी स्टार अरविंद अकेला उर्फ कल्लू आजकल अपनी शादी को लेकर सुर्खियों में हैं. हालांकि, उनके नए सॉन्ग भी आने लगे हैं. कल्लू फिलहाल भोजपुरी इंडस्ट्री के एक कामयाब सिंगर-एक्टर बन गए हैं. वाराणसी में शिवानी पांडेय से उनकी शादी हुई और समारोह में शामिल होने निरहुआ और अक्षरा सिंह जैसे दिग्गज भोजपुरी कलाकार भी पहुंचे थे.




कल्लू के पास पैतृक गांव में भी बड़ा घर है, साथ ही वाराणसी में भी आलीशान कोठी है. उनके पास कार और बुलेट भी हैं. अब कल्लू का स्टारडम और इकोनॉमी दोनों हाई हैं, हालांकि पहले भी उनका परिवार संपन्न रहा है.




कल्लू की कार और बाइक
भोजपुरी में अपने अभिनय से जलवा बिखेर देने वाले 26 साल के युवा गायक और अभिनेता अरविंद अकेला उर्फ कल्लू गाड़ियों के भी शौकीन हैं. कल्लू बताते हैं कि उनके पास एक स्कूटी, एक पल्सर, एक बुलेट बाइक है. इसके अलावा चार पहिया वाहन में एक फॉर्च्यूनर और एक स्कॉर्पियो गाड़ी है.




कल्लू के वाराणसी के DLW रोड में दो आलीशन मकान भी हैं. वहीं बिहार के बक्सर वाले पैतृक गांव में भी पौने दो गठ्ठा में अच्छा मकान बना है. इससे पहले गांव में कल्लू का दो मंजिला पुराना मकान था जिसे 2017 में तोड़कर नए ढंग से मकान बनाया गया.




माता-पिता और पत्नी के साथ कल्लू
कल्लू के चाचा विकास चौबे बताते है कि गांववाले मकान का निर्माण कार्य 2018-19 में पूरा हुआ, उसके बाद कल्लू अपने पूरे परिवार के साथ जब गांव घूमने आये थे तभी कोरोना के कारण पहला लॉकडाउन लग गया था. इस दौरान कल्लू का परिवार तीन माह लगातार गांव पर ही अपने नए मकान में रहे.




कल्लू के परिवार में कौन कौन?
अबतक आप लोगों ने यही सुना होगा कि कल्लू बेहद गरीब परिवार से हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. कल्लू की पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकार आप हैरान हो जाएंगे. उनके चाचा विकास चौबे के अनुसार कल्लू शुरू से ही सम्पन्न परिवार का हिस्सा रहे हैं. अरविंद अकेला उर्फ कल्लू के परदादा का नाम स्व. मुनेश्वर चौबे था जो उस समय न्याय व्यवस्था में जूरी सदस्य थे. इसके अलावा जब 1951 में बक्सर विधानसभा का पहला चुनाव हुआ तो उस दौरान कल्लू के परदादा भी चुनावी मैदान में अपना दावा पेश किए थे. हालांकि, बाद में उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी पंडित लक्ष्मीकांत त्रिवेदी को दे दिया था, जिसके बाद पहली बार बक्सर विधानसभा क्षेत्र से पंडित लक्ष्मीकांत त्रिवेदी विधायक चुने गए थे.



वहीं कल्लू के दादा जी का नाम स्व. कमलापति चौबे था जो उत्तर प्रदेश में सीआईडी इंस्पेक्टर हुआ करते थे. कल्लू के दादा तीन भाई थे तीनों भाई में वे सबसे बड़े थे. दो अन्य भाइयों में स्व. मार्कण्डेय चौबे जो दूरदर्शन में नौकरी करते थे.कल्लू के सबसे छोटे दादा जी का नाम स्व. विमलापति चौबे था जो गांव पर ही खेती करते थे.



पिता चलाते थे स्पेयर पार्ट्स की दुकान
कल्लू के पिता की बात करें तो उनका नाम काशेश्वर नाथ चौबे उर्फ चुनमुन चौबे है. ये गांव में ही खेती करने के साथ बक्सर शहर के बाईपास रोड में ऑटो रिक्शा के स्पेयर पार्ट्स की दुकान संचालित करते थे. बाद में जब कल्लू अपनी गायकी के बल पर आगे निकलने लगे तो पिताजी कल्लू के प्रोग्राम का सारा मैनेजमेंट संभालने लगे.



इस बीच समय के अभाव के कारण स्पेयर पार्ट्स की दुकान को बंद करना पड़ा. यह दुकान बंद किये हुए लगभग 15 साल हो गए. कल्लू के पिता जी दो भाई में छोटे हैं, कल्लू के बड़े पापा का नाम कमाख्या नारायण चौबे उर्फ मुन्ना चौबे है जो गांव में नहीं रहते हैं.



चार भाई हैं कल्लू
कल्लू चार भाई हैं. बड़े भाई का नाम आशुतोष चौबे उर्फ आशु बाबा है जो फिलहाल कल्लू के सभी मैनेजमेंट संभाल रहे हैं. कल्लू के पिता की तबियत खराब होने की वजह से अब वे मैनेजमेंट का काम नहीं देखते हैं. वहीं चारों भाइयों में अरविंद अकेला कल्लू दूसरे स्थान पर है. इनके बड़े भाई आशुतोष की शादी पहले ही हो चुकी है.



कल्लू के तीसरे भाई का नाम अविनाश चौबे उर्फ गोलू है, ये महाराष्ट्र की कम्पनी में इंजीनियर हैं. वहीं सबसे छोटा भाई अभिषेक चौबे लखनऊ में BBA की पढ़ाई पूरी कर रहा है. पैतृक गांव अहिरौली में भी कल्लू की संपत्ति है, उनके खेत और बगीचे हैं.



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