पहले प्रयास में मिली असफलता से नही मानी हार, दूसरी प्रयास में UPSC क्रैक कर बनीं IAS, जानें स्मिता सभरवाल की कहानी…



जरूरी नहीं है कि फेमस होने के लिए हमें फिल्मों और टीवी में ही काम करना हो। कई बार लोग अपने शानदार काम और मुकाम के लिए भी जाने जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही शक्सियत के बारे में बताने वाले हैं।




आईएएस स्मिता सभरवाल 2000 बैच की आईएएस हैं और अक्सर अपने कार्य की वजह से चर्चा में रहती हैं। एक इंटरव्यू के दौरान वह कहती हैं, “यह सोचना गलत है कि केवल कठिन अध्ययन करके ही कोई सिविल सेवा में सफलता प्राप्त कर सकता है। अंतिम दौर में चयन के लिए आपकी रुचियों और शौक को भी ध्यान में रखा जाता है।”




टॉपर हैं IAS Smita Sabharwal
स्मिता सभरवाल IAS को ‘जनता अधिकारी’ के रूप में भी जाना जाता है। एक आईएएस अधिकारी के रूप में उनके अनुकरणीय कार्य ने उन्हें कई प्रशंसाएं अर्जित की हैं और वह पूरे देश में आईएएस उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं। वह 2000 की यूपीएससी परीक्षा में चौथी रैंक हासिल करने वाली आईएएस टॉपर थीं।




कहां से की है पढ़ाई
स्मिता मूल रूप से दार्जिलिंग की रहने वाली स्मिता ने नौवीं कक्षा से हैदराबाद में पढ़ाई की। उन्होंने सेंट एन्स, मेरेडपल्ली, हैदराबाद से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अपनी बारहवीं कक्षा (आईसीएसई बोर्ड) में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल की। उसके बाद, उन्होंने सेंट फ्रांसिस डिग्री कॉलेज फॉर वूमेन से बी.कॉम किया।




सिविल सेवा परीक्षा में अपने पहले प्रयास में, स्मिता आईएएस प्रारंभिक परीक्षा में असफल रही। 2000 में अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने न केवल परीक्षा पास की बल्कि 4वीं रैंक भी हासिल की!




स्मिता सभरवाल ने किए हैं यह काम
स्मिता सभरवाल को ईमानदार आईएएस अधिकारी के रूप में जाना जाता है। वारंगल में नगर निगम आयुक्त के रूप में उन्होंने “फंड योर सिटी” योजना शुरू की थी। इसके साथ-साथ उन्होंने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के साथ फुट ओवर ब्रिज, ट्रैफिक जंक्शन, पार्क, बस स्टॉप जैसी बड़ी संख्या में सार्वजनिक उपयोगिताओं का निर्माण किया गया।



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INPUT: herzindagi.com



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