नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने मुजफ्फरपुर जंक्शन सहित प्रमुख स्टेशनों पर पानी की बर्बादी पर चिंता व्यक्त की है। रेलवे को हर हाल में इसे राेकने का भी आदेश दिया गया है। एनजीटी की इस सख्ती के बाद साेनपुर रेलमंडल अब मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के प्रमुख स्टेशनाें पर डिजिटल वाटर मीटर लगाएगा। ये डिजिटल वाटर मीटर एनजीटी समेत रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को हर दिन हाेनेवाली पानी की खपत की ऑनलाइन रिपोर्ट देंगे।
साथ ही, निर्धारित मात्रा से अधिक पानी का उपयोग होने पर अधिकारियों को संदेश भेजकर सूचित करेंगे। वर्तमान में, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, सानपुर, बरानी, बेगूसराय, खगड़िया, नवगछिया और मानसी स्टेशनों पर रेलमंडल का यांत्रिक विभाग डिजिटल वाटर मीटर लगाने की योजना बना रहा है। इनके अलावा मुजफ्फरपुर व बराैनी जंक्शन के काेचिंग डिपाे में भी डिजिटल वाटर मीटर लगेगा। इन स्टेशनाें पर जल्द ही डिजिटल वाटर मीटर लगाया जाएगा। इस पर 43 लाख 52 हजार रुपए खर्च होंगे।
एनजीटी ने पानी की बर्बादी को कम करने के लिए देश भर में प्रमुख संस्थानों का सर्वे कराया था। इस दौरान, रेलवे स्टेशनों सहित अधिक पानी उपलब्ध कराने वाले अन्य संस्थानों को भी नोटिस दिया गया। मुजफ्फरपुर जंक्शन पर मासिक 90 लाख से एक करोड़ लीटर (या प्रतिदिन 3 लाख लीटर) पानी की खपत होती है, जैसा कि सरकार ने बताया है।
बिना इस्तेमाल के नालों में लगभग २५ प्रतिशत बह जाता है। पानी भरने के लिए लगी पाइपलाइन, नलों में लीकेज और यात्री वाटर बूथों में खराबी के कारण बागियाें में पानी बेवजह बहता रहता है। NGT ने मासिक 25 लाख लीटर पानी की बर्बादी पर गंभीर चिंता व्यक्त की।