साइबर फ्रॉड का नेटवर्क चला रहे एमआईटी के दो छात्रों समेत तीन को साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दो माह में तीनों ने 30 लाख से अधिक की ठगी की है। नालंदा के हिलसा के मास्टरमाइंड नीरज ने पटना के एक साथी के साथ मिलकर साइबर फ्रॉड को अंजाम देने के लिए कई जिलों में नेटवर्क बना रखा है। गिरफ्तार एमआईटी का छात्र मो. फैजान (गया) व आकाश कुमार (अरवल) का है। पुलिस ने आकाश के दोस्त अरवल के राजकुमार को भी गिरफ्तार किया है। तीनों चतुर्भुज स्थान में एक सीएसपी से रुपए निकालने पहुंचे थे।
सीएसपी संचालक की सूचना पर पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। इनसे एक दर्जन से अधिक बैंक खाते, एटीएम कार्ड, मोबाइल आदि जब्त किए गए हैं। खाते अलग-अलग नाम के थे, जिन्हें ऑनलाइन खोला गया था खाते मोबाइल से ऑपरेट किए जा रहे थे। फैजान व आकाश एमआईटी के इलेक्ट्रॉनिक विभाग के फोर्थ सेमेस्टर के छात्र हैं।
साइबर फ्रॉड का नेटवर्क चला रहे एमआईटी के दोनों छात्रों व उसके मित्र ने पुलिस को बताया है कि नालंदा का नीरज साइबर फ्रॉड गिरोह का सरगना है। दोनों छात्रों ने अलग-अलग नाम-पते से दर्जनों बैंक अकाउंट खोल रखा है। इसके लिए फर्जी तरीके से आधार कार्ड व अन्य कागजात भी बना लेते थे। बैंक खाते पर नालंदा का नीरज और पटना के उसके साथी साइबर फ्रॉड के रुपए भेजते थे, जिनकी निकासी एमआईटी के दोनों छात्र व उसका साथी एटीएम के जरिए करते थे। पांच प्रतिशत कमीशन काटकर शेष रुपए नालंदा के नीरज को भेज देते थे।
बीते दो माह के दौरान तीनों ने 30 लाख रुपये नीरज को भेजे। रुपए निकासी के लिए एमआईटी के दोनों छात्र और उसका साथी सीएसपी केंद्र पर पहुंचते थे। सीएसपी संचालक को जरूरी बताकर फर्जी तरीके से खोले गए बैंक अकाउंट और एटीएम के जरिए रुपये निकालते थे। चूंकि साइबर फ्रॉड की राशि गिरफ्तार हुए तीनों शातिरों के फर्जी तरीके से खोले गए अकाउंट पर आती थी और उस खाते से सीएसपी संचालक के खाते में स्वैप के जरिए रुपए पहुंचते थे, इसलिए जांच के दायरे में सीएसपी संचालक आता था।
इस तरह मुजफ्फरपुर के एक दर्जन से अधिक सीएसपी का खाता फ्रॉड में संलिप्तता की आशंका पर फ्रीज किया गया। एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि साइबर फ्रॉड गिरोह से जुड़े एमआईटी के दो छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। जांच जारी है।